रायपुर. पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने छत्तीसगढ़ में पहली बार डिप्लोमा इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स की शुरूआत की है। यह राज्य का पहला ऐसा कोर्स है, जिसमें 12वीं पास विद्यार्थी से लेकर नौकरीपेशा कर्मचारी तक आसानी से प्रवेश लेकर आधुनिक तकनीक की पढ़ाई कर सकते हैं। विश्वविद्यालय का उद्देश्य युवाओं को भविष्य की तकनीक के लिए तैयार करना है, ताकि वे उद्योग, आईटी सेक्टर और तकनीकी क्षेत्रों में बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें।
कोर्स की सीटें, समय और पढ़ाई का तरीका
इस डिप्लोमा कोर्स में कुल 20 सीटें निर्धारित की गई हैं। कक्षाएं प्रतिदिन शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक संचालित होती हैं, जिसमें नौकरीपेशा लोग और पढ़ाई के साथ तैयारी करने वाले छात्रों के लिए समय प्रबंधन आसान हो जाता है। कोर्स में तीन थ्योरी विषय और दो प्रैक्टिकल सब्जेक्ट शामिल हैं। जिससे विद्यार्थियों को न सिर्फ बुनियादी ज्ञान मिलता है, बल्कि वास्तविक प्रयोगों के माध्यम से कौशल भी विकसित होता है।
इस कोर्स में विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास, इतिहास, इसके आविष्कार, कार्यपद्धति डेटा प्रोसेसिंग, मशीन लर्निंग मॉडल्स की मूल अवधारणा और डिजिटल तकनीक के उपयोग की गहराई से जानकारी दी जाती है। साथ ही, चैटजीपीटी, मॉडर्न कम्युनिकेशन सिस्टम, कंप्यूटर बेसिक्स, डेटा मैनेजमेंट, इंटरनेट तकनीक और अन्य डिजिटल टूल्स के उपयोग की भी पढ़ाई कराई जा रही है, ताकि विद्यार्थी वास्तविक दुनिया की जरूरतों को समझ सकें।
पहले सेमेस्टर के विषय
पहले सेमेस्टर में विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की नींव मजबूत करने के लिए आधारभूत विषय पढ़ाए जाने वाले विषय में आईटी की मूलभूत अवधारणाएं, AI के सिद्धांत व इसके उपयोग, और पायथन भाषा और उसकी प्रोग्रामिंग संरचना जिसमें इन विषयों माध्यम से छात्र यह समझ पाते हैं कि एआई कैसे कार्य करता है, मशीनें निर्णय कैसे लेती हैं तथा आधुनिक सॉफ्टवेयर और टूल किस तरह तैयार किए जाते हैं।
दूसरे सेमेस्टर का पाठ्यक्रम
दूसरे सेमेस्टर में विद्यार्थियों को और आगे बढ़ते हुए एआई के व्यवहारिक उपयोग, मशीनरी सिस्टम्स और सॉफ्टवेयर टूल्स की जानकारी दी जाती है। जिसमें एडवास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग और सिमुलेशन उपकरण शामिल हैं।



















