Akshay Navami 2025: अक्षय नवमी या आंवला नवमी का त्योहार भले ही 31 अक्टूबर को हो, लेकिन मथुरा-वृंदावन के परिक्रमा मार्ग परिक्रमार्थियों से गुलजार होने लगे हैं। बुधवार को मथुरा व वृंदावन में हजारों श्रद्धालुओं ने परिक्रमा लगाई। इस बीच परिक्रमा मार्ग को दुरुस्त करने में नगर निगम की टीमें भी जुटी रहीं।
बताते चलें कि इस बार गोपाष्टमी, अक्षय नवमी व देवोत्थान एकादशी के तीनों की त्योहार तिथि भ्रम की वजह से एक दिन पहले ही शुरु हो गए हैं। कहीं गोपाष्टमी बुधवार को मनायी गयी तो कहीं गुरुवार को मनायी जाएगी। बुधवार को गोपाष्टमी मनाने वाले गुरुवार को अक्षय नवमी मान रहे हैं, जबकि गुरुवार को गोपाष्टमी मनाने वाले शुक्रवार को अक्षय नवमी मान रहे हैं। इनमें शुक्रवार को अक्षय नवमी मानने वाले बहुतायत में हैं।
किस दिन लगेगी अक्षय नवमी की मुख्य परिक्रमा:
यही वजह है कि शुक्रवार को ही अक्षय नवमी की मुख्य परिक्रमा लगेगी। इसी तरह देवोत्थान एकादशी भी दो दिन मन रही है। देवोत्थान एकादशी पर तीन वन की मुख्य परिक्रमा रविवार को लगेगी। इससे पूर्व बुधवार को मथुरा-वृंदावन की परिक्रमा के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लोग घरों से निकल पड़े। यही वजह रही कि मथुरा और वृंदावन के परिक्रमा मार्ग श्रद्धालुओं से गुलजार रहे। परिक्रमार्थियों ने मथुरा और वृंदावन की परिक्रमा लगायी। उधर, अक्षय नवमी की मुख्य परिक्रमा शुक्रवार व देवोत्थान एकादशी की मुख्य परिक्रमा रविवार को मानते हुए नगर निगम की टीमें परिक्रमा मार्गों को दुरुस्त करने में जुटी हुई हैं।
अक्षय नवमी के दिन किसकी पूजा की जाती है: अक्षय नवमी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने का भी विधान है। इस दिन आंवले के पेड़ पर दूध अर्पित करना, दीपक जलाना और परिक्रमा करना शामिल है। इस दिन दान-पुण्य भी अति उत्तम माना गया है। मान्यता है कि इस दिन अन्न, वस्त्र व कंबल का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
अक्षय नवमी पूजा मुहूर्त 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, नवमी तिथि 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 06 मिनट पर प्रारंभ होगी और 31 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 03 मिनट पर समाप्त होगी। अक्षय नवमी पूजा का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 32 मिनट से सुबह 10 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। पूजन की कुल अवधि 03 घंटे 31 मिनट की है।
 
 
















