रायपुर. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। एजेंसी ने पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, निशा कोसले, दीपा आदिल, सुमित ध्रुव और जीवन किशोर ध्रुव सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। सभी को CBI कोर्ट में पेश किया गया, जहां रिमांड के लिए आवेदन किया गया है। यह गिरफ्तारियां 2021-2022 की CGPSC परीक्षाओं में कथित भ्रष्टाचार, नेपोटिज्म और पैसे के लेन-देन से जुड़ी हैं।
CBI के अनुसार, ये गिरफ्तारियां घोटाले की जांच के दौरान मिले ठोस सबूतों के आधार पर की गईं। पूर्व PSC अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी के रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए सवाल पत्र लीक करने और मेरिट लिस्ट में हेराफेरी का आरोप है। सुमित ध्रुव, जो डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुए थे, पूर्व PSC सचिव जीवन किशोर ध्रुव के बेटे हैं। इसी तरह, निशा कोसले और दीपा आदिल भी आयोग के अधिकारियों के परिजन हैं।
घोटाले का पुराना संदर्भ: 2023 से चली आ रही विवादास्पद भर्ती
यह घोटाला 2023 में तब सुर्खियों में आया जब CGPSC 2021 परीक्षा के परिणाम घोषित हुए। मार्च 2023 में जारी सिलेक्शन लिस्ट में डिप्टी कलेक्टर, DSP और अन्य पदों पर IAS/IPS अधिकारियों के रिश्तेदारों का चयन होने से नेपोटिज्म के आरोप लगे। बीजेपी ने इसे ‘भारत का सबसे बड़ा PSC घोटाला’ करार देते हुए CM भूपेश बघेल के आवास का घेराव किया और CBI जांच की मांग की। CGPSC ने आरोपों को खारिज किया था, लेकिन ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया। 2024 में नई सरकार ने मामला CBI को सौंपा, जिसके बाद जुलाई 2024 में FIR दर्ज हुई।