
CG Assembly Protest: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बुधवार को एक बार फिर दिव्यांग संगठन और प्रशासन आमने-सामने आ गए। विधानसभा घेराव की तैयारी कर रहे दिव्यांग संगठन के सदस्यों को पुलिस ने बस स्टैंड के पास से जबरन उठाया और गाड़ियों में भरकर नवा रायपुर के तूता धरनास्थल ले गई। इस पूरी कार्रवाई का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें पुलिस महिला और पुरुष दिव्यांगों को जबरदस्ती खींचते हुए दिख रही है।
महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार का आरोप
वायरल वीडियो में महिला दिव्यांगों के साथ भी बदसलूकी के दृश्य दिखाई दे रहे हैं। संगठन के लोगों का कहना है कि वे शांति से अपनी मांगों को लेकर आगे बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस ने बीच रास्ते में ही उन्हें रोक दिया और जबरदस्ती धरनास्थल तक ले जाया गया।
कई बार दिए आश्वासन, लेकिन नहीं सुनी गई मांगें
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि पहले भी कई बार सरकार ने उनकी मांगों को मानने का आश्वासन दिया था, जिसके बाद उन्होंने आंदोलन खत्म कर दिए थे। लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए इस बार विधानसभा का घेराव करने का निर्णय लिया गया।
क्या हैं दिव्यांग संगठन की 6 प्रमुख मांगे:
1. फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी कर रहे 148 अधिकारियों को तुरंत हटाया जाए।
2. दिव्यांग कोटे के खाली पदों पर विशेष भर्ती अभियान चलाया जाए।
3. दिव्यांग पेंशन को 5000 रुपए प्रति माह किया जाए।
4. बीपीएल की अनिवार्यता को खत्म किया जाए।
5. 21 साल से अधिक उम्र की अविवाहित दिव्यांग महिलाओं को महतारी वंदन योजना में जोड़ा जाए।
6. 3% पदोन्नति आरक्षण को लागू करने के लिए सरकार सर्कुलर जारी करे।
फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र से नौकरी का आरोप
दिव्यांग संघ के पदाधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य में कई उच्च पदों पर बैठे अधिकारी फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे हैं। इनमें 7 डिप्टी कलेक्टर, 3 लेखा अधिकारी, 3 नायब तहसीलदार, 2 सहकारिता निरीक्षक, और 3 पशु चिकित्सक भी शामिल हैं। कुल मिलाकर ऐसे 148 अधिकारियों की पहचान की गई है।