
अपनी ही बेटियों को जान से मारने के मामले में पेश मां की अपील हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। महासमुंद के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने 18 मार्च 2021 को फैसला दिया था, जिसमें महिला को आईपीसी की धारा 302 (2) और धारा 309 के तहत दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। (Chhattisgarh High Court News)
इसके खिलाफ उसने हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी महिला की तरफ से तर्क दिया गया कि, वह खुद भी पीड़िता है, सालों से मानसिक रूप से अस्थिर थी, इसके अलावा उसके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि, घटनास्थल पर बरामद सामान, सुसाइड नोट, मेडिकल रिपोर्ट और महिला
के बयान से स्पष्ट है कि, वारदात उसने ही की थी। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डीबी ने अपील खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि, यह मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित है। सभी साक्ष्य आपस में जुड़कर एक ऐसी श्रृंखला बनाते हैं, जो संदेह से परे अपराध को साबित करते हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि, कोर्ट का निर्णय सही है और इसमें हस्तक्षेप की कोई जरूरत नहीं है।
घटना 20 दिसंबर 2017 की
दरअसल, महासमुंद के लमकेनी निवासी शिक्षक जनकराम साहू ने 20 दिसंबर 2017 को पुलिस को बताया कि उनके किराएदार ईश्वर पांडे की पत्नी और बेटियां घर के अंदर खून से लथपथ पड़ी हैं। पुलिस मौके पर पहुंची तो दोनों लड़िकयां मृत मिलीं, और उनकी मां यमुना गंभीर रूप से घायल थीं। (Chhattisgarh High Court News)