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छत्तीसगढ़ः खेलते वक्त घंटी आंख से होते दिमाग में घुसी, डॉक्टरों ने दिया नया जीवन

रायपुर। डीकेएस अस्पताल के सर्जनों ने एक बार फिर सेवा, समर्पण और करुणा की मिसाल कायम की है। खेलते वक्त 9 साल की बालिका के अचानक गिरने के कारण उसकी आंख से होते हुए दिमाग में घुसी घंटी को डॉक्टरों ने न केवल बाहर निकाला, बल्कि उसकी आंख को बचा लिया। दिमाग के कुछ हिस्से में आई चोट को भी सर्जरी कर ठीक कर लिया गया।

घटना दीपावली के दिन सोमवार की है। बिलासपुर निवासी 9 वर्षीय बालिका घर में खेल रही थी। तभी अचानक गिर गई और उसकी बार्थी आंख पूजा स्थल के समीप रखी घंटी पर पड़ गई। वह इतनी जोर से गिरी कि घंटी के ऊपर का हिस्सा आंख से होते हुए सीधे दिमाग में घुस गया। उसे तत्काल उपचार के लिए सिम्स में भर्ती कराया गया। उसके कुछ देर बाद डॉक्टरों ने बालिका को राजधानी के डीकेएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल रिफर कर दिया। बालिका का सीटी स्कैन किया गया। साथ ही नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रांजल मिश्रा की मदद ली गई। दूरबीन की मदद से डॉ. राजीव साहू के मार्गदर्शन में न्यूरो सर्जन डॉ. नमन चन्द्राकर और डॉ. लवलेश राठौड़ ने सर्जरी की। एनेस्थीसिया से डॉ. देवश्री ने भी सहयोग प्रदान किया। दूरबीन देखते हुए बहुत ही सावधानी से सर्जरी कर घंटी को दिमाग और आंख से बाहर निकाला गया ताकि आंख के आसपास और दिमाग क्षतिग्रस्त न हो। डॉ. प्रांजल मिश्रा द्वारा आंख के क्षतिग्रस्त हिस्से को रिपेयर किया गया। डॉ. नमन ने बताया कि सर्जरी के बाद बालिका दोनों आंखों से अच्छे से देख पा रही है।

सर्जरी के लिए घर से डॉक्टरों को बुलाया

दीपावली के दिन समय पर बच्ची की आंख को बचाने डॉक्टरों को घर से बुलाया गया। डीकेएस की अधीक्षक डॉ. शिप्रा शर्मा एवं उप अधीक्षक डॉ. हेमंत शर्मा ने तत्काल डॉक्टरों की टीम बनाई और सर्जरी का निर्णय लिया ताकि सर्जरी में विलंब न हो। इस तरह की सर्जरी सरकारी अस्पताल में पहली बार की गई। डॉक्टरों का कहना है कि किस्मत की बात यह रही कि घंटी आंख की आईबॉल को बचाते हुए घुसी थी। वहीं दिमाग को भी ज्यादा क्षति नहीं पहुंची।

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