कफ सिरप पीने से 22 बच्चों की मौत से देश में हड़कंप में मचा हुआ है। आखिर कफ सिरप मासूम बच्चों के लिए कितनी सुरक्षित हैं, इसे लेकर भी चर्चा की जा रही है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस मामले में सवाल किया है और भारतीय अथॉरिटीज से पूछा है कि जिन कफ सिरप को पीने से ऐसी घटनाएं हुई हैं, क्या उन्हें दूसरे देशों में भी भेजा गया है। WHO ने यह सवाल तब किया है, जब कफ सिरप कोल्ड्रिफ को लेकर चिंताएं जाहिर की गई हैं। जांच में पता चला है कि कफ सिरप में Diethylene Glycol यानी DG अधिक पाया गया है। इसके अलावा Ethylene Glycol (EG) की भी अधिकता पाई गई है।
भारतीय अथॉरिटीज की ओर से जवाब मिलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से ग्लोबल मेडिकल प्रोडक्ट्स अलर्ट जारी करने को लेकर फैसला लेगा। वैश्विक संस्था की ओर से उन उत्पादों के लिए ऐसे अलर्ट जारी किए जाते हैं, जिसमें कोई खामी पाई गई हो और उनके सेवन से खतरा हो। अब तक मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में सिरप पीने से 22 बच्चों की मौत हो गई है और 5 की हालत गंभीर है। इसके अलावा राजस्थान के भी अलग-अलग जिलों से तीन मौतें हुई हैं। सूत्रों का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य ने पूछा है कि क्या ऐसी सिरप को दूसरे देशओं को भी भेजा गया है। यदि ऐसा हुआ है तो फिर एडवाइजरी जारी की जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र की ओर से ऐसा पूछना रूटीन प्रक्रिया है। इस बीच भारत के ड्रग्स कंट्रोलर ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है और आदेश दिया है कि किसी भी फार्मा उत्पाद को बाजार में भेजने से पहले पर्याप्त चेकिंग की जाए। एजेंसी ने यह भी कहा है कि कुछ जगहों पर निरीक्षण में कमी पाई गई है। एजेंसी की ओर से सभी उत्पादकों से कहा गया है कि हर बैच की पर्याप्त जांच की जाए और उसके बाद ही मार्केट में बिक्री के लिए भेजा जाए। इस मामले में फार्मा कंपनी के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। मध्य प्रदेश में मौतों के सबसे ज्यादा मामले छिंदवाड़ा जिले से आए हैं।