मुंबई. बाजार नियामक सेबी ने गुरुवार को अदाणी समूह और उसके चेयरमैन गौतम अदाणी को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों से बरी कर दिया। अमेरिकी कंपनी का आरोप था, लेनदेन छिपाने के लिए तीन इकाइयों के जरिए धन की हेराफेरी की गई थी।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बार्ड (सेबी) ने दो अलग-अलग आदेशों में कहा कि कर्ज ब्याज सहित चुकाए गए थे, कोई धनराशि नहीं निकाली गई थी, इसलिए मामले में कोई धोखाधड़ी नहीं हुई थी। हिंडनबर्ग ने जनवरी, 2023 में आरोप लगाया था कि अदाणी समूह ने एडिकॉर्प एंटरप्राइजेज, माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स और रेहवर इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल समूह की कंपनियों के बीच पैसे भेजने में किया था। इससे अदाणी को ‘संबंधित पक्ष लेनदेन’ के नियमों से बचने में मदद मिली थी।
कोर्ट ने आदेश रद्द किया
दिल्ली की एक अदालत ने पत्रकार रवि नायर, अबीर दासगुप्ता, आयुष जोशी, आयुष शर्मा को अदाणी एंटरप्राइज लिमिटेड के खिलाफ अपमानजनक खबर प्रकाशित करने से रोकने वाला आदेश रद्द कर दिया। जिला न्यायाधीश आशीष अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में कोर्ट ने प्रतिवादियों को सुनवाई का मौका नहीं दिया। ऐसा न किए जाने के कारण, यह आदेश टिकाऊ नहीं है।
‘झूठी खबरें फैलाने वाले माफी मांगें’
सेबी से क्लीन चिट मिलने के बाद गौतम अदाणी ने कहा, हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का इस्तेमाल कर झूठी खबरें फैलाने वालों को देश से माफी मांगनी चाहिए। अदाणी ने ‘एक्स’ पर लिखा,समूह हमेशा से कहता रहा है कि हिंडनबर्ग के दावे निराधार हैं। सेबी की क्लीन चिट ने इसकी पुष्टि की है। भारत की संस्थाओं, देशवासियों और राष्ट्र निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है। ‘सत्यमेव जयते! जय हिंद।



















