राजनांदगांव. पुलिस ने दो बड़े साइबर फ्रॉड का खुलासा करते हुए 2 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी करने वाले दो अलग-अलग अंतरराज्यीय नेटवर्क के चार सदस्यों को गिरतार किया है। थाना सिटी कोतवाली और साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में हरियाणा के गुरुग्राम तथा मध्यप्रदेश के सिहोर और इंदौर क्षेत्रों में दबिश देकर आरोपियों को पकड़ा गया।
गिरोह द्वारा एक 79 वर्षीय बुजुर्ग महिला को ‘डिजिटल अरेस्ट’ के झांसे में फंसाकर 80 लाख की ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई थी, तो वहीं दूसरे मामले में एक युवा व्यापारी को फर्जी शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लिंक भेजकर करीब सवा करोड़ रुपए की ठगी की गई थी। इन दोनों ही मामलों के निचले क्रम के अपराधियों की पकड़ने की जानकारी एएसपी राहुलदेव शर्मा ने शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता में दी।
बैंक मनी ट्रेल के आधार पर सिहोर और इंदौर में तीन आरोपी धीरज पिता गुलाब सिंह (३४), अरविंद पिता मनोज सिंह (३०) और डिपल सिंह पिता रणबीर सिंह यादव को पकड़ा गया। ये आरोपी यूल अकाउंट उपलब्ध कराने, कमीशन लेकर सिम-खाते बेचने तथा क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान लेने का काम करते थे। पुलिस ने बताया कि धीरज सिंह अपनी कंपनी किसान बाजार के नाम पर करंट बैंक खाता खुलवाकर उसे ठगी के लिए एक लाख 30 हजार रुपए लेकर बेचा था। अरिविंद खाता उपलब्ध कराने दो प्रतिशत लेता था और डिंपल यादव ठगों को खाता उपलब्ध कराने के एवज में 2.8 प्रतिशत कमीशन लेता था। आरोपी कमीशन के राशि को क्रिप्टो करेंसी यूएसडीटी के रूप में वालेट एड्रेस में प्राप्त करते थे।
साइबर क्राइम की पढ़ाई कर रहा डिंपल
एक मामले में पकड़ा गया आरोपी राधेश्याम बीए की पढ़ाई करते हुए एसआई की तैयारी कर रहा, तो वहीं दूसरे मामले का एक आरोपी डिंपल सिंह का दादा आर्मी में पदस्थ थे, डिंपल साइबर सेक्यूरिटी की पढ़ाई कर रहा है, ऐसी सोच लेकर पढ़ाई करने वाले युवा भी पैसे की लालच में आकर क्राइम की दुनिया में चले जा रहे हैं।
पुलिस ने आरोपियों से बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड, चेक बुक, मोबाइल फोन सहित महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अब यूल अकाउंट और सिम उपलब्ध कराने वाले एजेंटों पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई में साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक विनय पमार और कोतवाली थाना टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।



















