बिलासपुर। मोपका स्थित आरटीओ कार्यालय परिसर में वर्षों से अटके ई-ट्रेक प्रोजेक्ट के शुरू होने की उम्मीद अब मजबूत होती नजर आ रही है। लगभग 1 करोड़ 80 लाख रुपए की लागत से प्रस्तावित इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का मार्ग आखिरकार साफ होने वाला है। आरटीओ विभाग द्वारा राजस्व विभाग से जमीन की सीमांकन और चिह्नांकन की मांग के बाद अब 1 दिसंबर को मौके पर नापजोख की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। जिले में आरटीओ की जिस भूमि पर ई-ट्रेक प्रोजेक्ट को संचालित किया जाना था, उस पर पिछले कुछ वर्षों से कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर खेती की जा रही थी। इस कारण पूरा प्रोजेक्ट लंबे समय से कागजों में ही सीमित रहा और आम जनता को इससे मिलने वाली सुविधाएं शुरू नहीं हो सकीं। आरटीओ प्रशासन ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए राजस्व विभाग को विधिवत आवेदन प्रस्तुत किया था। राजस्व विभाग ने आवेदन पर संज्ञान लेते हुए 1 दिसंबर की तारीख तय की है, जिस दिन राजस्व अमला मौके पर पहुंचकर जमीन की विधिवत नाप-जोख करेगा और आरटीओ विभाग के नाम से भूमि का सीमांकन व चिह्नांकन करेगा। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद जमीन को लेकर असमंजस समाप्त होने की उम्मीद जताई जा रही है। ई-ट्रेक प्रोजेक्ट को परिवहन विभाग के लिए एक अत्याधुनिक सुविधा केंद्र के रूप में विकसित किए जाने की योजना है। इसके माध्यम से ड्राइविंग टेस्ट, वाहन जांच, प्रशिक्षण और अन्य तकनीकी सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी। इससे न केवल कार्यों में पारदर्शिता आएगी, बल्कि लोगों को बेहतर और आधुनिक सेवाएं भी मिल सकेंगी। राजस्व विभाग की आगामी सीमांकन कार्रवाई के बाद अब ई-ट्रेक प्रोजेक्ट के धरातल पर उतरने का रास्ता लगभग साफ माना जा रहा है। प्रशासनिक स्तर पर तेजी के संकेत मिलने से यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही मोपका आरटीओ परिसर में इस महत्वाकांक्षी परियोजना का कार्य शुरू होगा।
ई-ट्रेक
ई-ट्रेक प्रोजेक्ट परिवहन विभाग की एक आधुनिक और डिजिटल पहल है, जिसके तहत ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑटोमेटेड टेस्ट ट्रैक तैयार किया जाता है। इसमें सेंसर, कैमरे और कंप्यूटर प्रणाली के माध्यम से ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी होती है और मानवीय हस्तक्षेप कम होता है। इस परियोजना का उद्देश्य भ्रष्टाचार पर रोक लगाकर निष्पक्ष और सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देना है।



















