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‘आई इंफेक्शन’ का साइलेंट अटैक

 शहर में इन दिनों लगातार बदलते मौसम का असर लोगों की सेहत पर साफ दिखाई दे रहा है। खासतौर पर आंखों से जुड़ी समस्याएं काफी तेजी से बढ़ रही हैं। कभी तेज धूप तो कभी अचानक तेज बारिश और नमी वाला मौसम आंखों के लिए मुसीबत बन गया है। शहर के अलग-अलग इलाकों से बड़ी संख्या में लोग आंखों में जलन, लालिमा, सूजन, और पानी आने जैसी शिकायतों को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। डॉक्टर्स के पास रोजाना 10 से 15 मरीज सिर्फ आई इन्फेक्शन के आ रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले कंजक्टिवाइटिस, स्टाई, ड्राई आई, और एलर्जी इन्फेक्शन के हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बारिश और उमस की वजह से संक्रमण तेजी से फैल रहा है और लोग लापरवाही भी कर रहे हैं।

बदलते मौसम ने बढ़ाई परेशानी

बारिश के मौसम में नमी के साथ-साथ गर्मी और ठंड का लगातार आना-जाना शरीर को तो प्रभावित करता ही है, लेकिन सबसे ज्यादा असर आंखों पर पड़ रहा है। सुबह तेज धूप होती है, दोपहर में उमस बढ़ती है, और शाम को अचानक बारिश हो जाती है। ऐसे मौसम में पसीना, गंदगी और धूल मिलकर आंखों में इन्फेक्शन को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा हवा में मौजूद वायरस और बैक्टीरिया आंखों के संपर्क में आते ही जलन, खुजली और सूजन पैदा कर रहे हैं। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी इससे प्रभावित हो रहे हैं। शहर के स्कूलों, कोचिंग सेंटर्स और दफ्तरों में ‘आई इन्फेक्शन’ किसी साइलेंट वायरल की तरह फैल रहा है।

संक्रमण की चेन’ स्कूलों में भी दिखी

सबसे ज्यादा असर स्कूल और कोचिंग सेंटर्स में देखा जा रहा है। एक ही क्लास में बैठने वाले बच्चों में आई इन्फेक्शन की ‘चेन’ दिख रही है। एक छात्र की आंखें लाल होती हैं, दो दिन में पास बैठने वाले को भी जलन शुरू हो जाती है। कुछ स्कूलों में अभिभावकों ने बच्चों को घर से ही पढ़ाने का फैसला किया है। चूंकि यह संक्रमण बहुत जल्दी फैलता है खासकर जब बच्चे या युवा आपस में रुमाल, किताबें या आंख मसलते समय हाथ साझा करते हैं इसलिए मामला अब सिर्फ एक पर्सनल हेल्थ प्रॉब्लम नहीं रह गया, ये अब पब्लिक स्पेस थ्रेट बन चुका है।

सबसे ज्यादा मामले कंजक्टिवाइटिस और स्टाई के

डॉक्टरों के अनुसार इस मौसम में सबसे ज्यादा मामले कंजक्टिवाइटिस (आंख लाल होना, पानी आना), स्टाई (पलक पर फुंसी या गांठ), और ड्राई आई (आंखों में सूखापन और चुभन) के देखे जा रहे हैं। इन सबका मुख्य कारण बारिश के बाद नमी, गंदा पानी और आंखों को बार-बार छूना है। कुछ लोग गंदे रूमाल या हाथों से आंखें पोंछ लेते हैं जिससे संक्रमण और भी तेजी से फैलता है। इसके अलावा धूल भरी हवा और तेज रोशनी में काम करने वाले लोग ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।

लक्षण पहचानें और समय पर इलाज लें

-आंखों के संक्रमण में सबसे पहले जलन, खुजली, पानी आना, और हल्की लालिमा दिखती है।

-इसके बाद सूजन, फुंसी बनना, और आंखों को खोलने में दिक्कत होने लगती है।

-कुछ मामलों में मरीजों को तेज सिरदर्द और धुंधला दिखना भी शुरू हो जाता है।।

-कई बार यह संक्रमण एक आंख से दूसरी आंख में भी फैल जाता है।

-और परिवार के अन्य सदस्यों को भी हो सकता है।

-लक्षण दिखते ही बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

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