हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी और गणपति विसर्जन के रूप में मनाया जाता है। इस साल यह तिथि आज यानी 6 सितंबर को है। भगवान विष्णु की पूजा कर भक्त अनंत अपने बांह पर बांधेंगे। वहीं, भगवान गणेश की दस दिवसीय गणेशोत्सव, गणपति विसर्जन के साथ पूरा होता है। भक्त गणपति बप्पा के जयकारे के साथ घरों व पंडालों में बैठी उनकी प्रतिमाओं को विसर्जित करते हैं। इस दिन भक्त अपने दाहिने हाथ में 14 गांठों वाला ‘अनंत सूत्र’ धारण करते हैं। आज रवि योग सुबह 6:02 बजे से रात 10:55 बजे तक रहेगा। सुकर्मा योग दोपहर 11:52 बजे के बाद बनेगा।
गणेश विसर्जन के लिए शुभ मुहूर्त
प्रातः मुहूर्त (शुभ) – 07:36 ए एम से 09:10 ए एम
अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 12:19 पी एम से 05:02 पी एम
सायाह्न मुहूर्त (लाभ) – 06:37 पी एम से 08:02 पी एम
ऐसे दें बप्पा को विदाई- स्नान कर साफ वस्त्र पहनें। गणेश जी को स्नान कराएं (जल या गंगाजल से), फिर नए वस्त्र पहनाएं। उन्हें ताज़े फूल, अक्षत (चावल), दुर्वा, हल्दी-कुमकुम, और मिठाई (मोदक/लड्डू) भी अर्पित करें। इसके बाद आरती करें। गणपति जी से प्रार्थना करें: “हे बप्पा, इस वर्ष आपने हमारे घर में सुख-समृद्धि दी। अगले वर्ष पुनः पधारें।”
विसर्जन प्रक्रिया-
गणपति बप्पा की प्रतिमा को धूम-धाम से विसर्जन स्थल तक ले जाएं। गणपति को फूल, दुर्वा, अक्षत, रोली-कुमकुम फिर से अर्पित करें। नारियल, मिठाई जल में प्रवाहित करें। जयकारा लगाए – “गणपति बप्पा मोरया, अगले वर्ष जल्दी आना”। शुद्ध बहते जल (तालाब/नदी) या कृत्रिम जलकुंड में प्रतिमा को विसर्जित करें।
इस बात का रखें विशेष ध्यान- गणपति बप्पा की मूर्ति का विसर्जन स्वच्छ स्थान पर ही करें। पूरी श्रद्धा और भाव से गणपति बप्पा का विसर्जन करें।
करें ये उपाय- गणेश जी को श्रीफल (नारियल) अर्पित कर विसर्जन के समय जल में प्रवाहित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इससे जीवन में सकारात्मकता आती है और नई ऊर्जा आती है। बप्पा के पसंदीदा मोदक या लड्डू विसर्जन के दिन जरूर बांटें। इससे घर में खुशहाली बनी रहती है।