हाउसिंग बोर्ड 800 करोड़ के बैंक कर्ज से हो गया मुक्त : चौधरी

रायपुर. आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने गुरुवार को विधानसभा में जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल पर बैंकों का लगभग 800 करोड़ रुपए का ऋण (कर्ज) था. राज्य सरकार ने इस बकाया राशि को बजट की राशि से चुका दिया है. यह बड़ी उपलब्धि है कि हाउसिंग बोर्ड पर कोई ऋण नहीं है. पूरी तरह से हाउसिंग बोर्ड ऋण मुक्त हो चुका है.
प्रश्नकाल में विपक्ष के हंगामे के बीच मंत्री श्री चौधरी ने विधायक अजय चंद्राकर के सवाल पर जवाब दिया. श्री चंद्राकर ने जानना चाहा कि छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल अंतर्गत कितने मकानों की बिक्री हुई है. जिसके जवाब में श्री चौधरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल अंतर्गत 15 जून 2025 की स्थिति में प्रदेश के विभिन्न स्थानों में दीनदयाल आवास योजना, अटल आवास योजना, अटल विहार, सामान्य आवास योजना के अंतर्गत कुल 80 हजार 800 मकान बनाए हैं. उसमें से कुल 78 हजार 503 मकानों की बिक्री हुई है, 2 हजार 367 मकान शेष हैं, जिनकी बिक्री के लिए कैबिनेट ने गत 19 जनवरी 2025 को निर्णय लिया कि छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के द्वारा निर्मित 5 वर्ष से अधिक समय से नहीं बिके मकानों को चिन्हित किया जाए और वन टाइम सेटलमेंट लागत मूल्य (बेस रेट) में विक्रय किया जाए. उक्त कार्ययोजना के तहत 1 जुलाई 2025 तक कुल 920 संपत्तियों की बिक्री की गई है, जिससे 139.47 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है.
श्री चौधरी ने यह भी बताया कि वन टाइम सेटलमेंट योजना की शुरुआत 1 मार्च 2025 से की गई. योजना के तहत संपत्तियों की बिक्री के लिए विशेष छूट 10, 20 और 30 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है. यह छूट संपत्तियों के बेस प्राइस पर दिया गया है. इसके बाद ऑफर बुलाने पर हितग्राहियों में प्रतिस्पर्धा के कारण अधिक मूल्य प्राप्त हो रहे हैं जिनका ऑफर सबसे अधिक है, उन्हें ही संपत्ति दी जाएगी.
अब प्री बुकिंग के आधार पर शुरू होगी नई योजनाएं
मंत्री श्री चौधरी ने यह भी बताया कि अब से गृह निर्माण मंडल द्वारा कोई भी नई आवासीय योजना में तब तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जाएगा, जब तक उसकी प्री-बुकिंग कम से कम 60% तक न हो जाए. यह निर्णय अनावश्यक निर्माण से बचने के उद्देश्य से लिया गया है. गृह निर्माण मंडल अब केवल किफायती मकान ही नहीं, बल्कि एक कॉरपोरेट मॉडल को अपनाकर कार्य कर रहा है, जहां विभिन्न श्रेणियों के आवासीय मकान के साथ-साथ व्यावसायिक संपत्तियों का भी निर्माण किया जा रहा है.