रायपुर। छत्तीसगढ़ में जमीन की नई गाइड लाइन दर को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। इसके लागू होते ही मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस व अन्य क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। इधर नईदर लागू होने के 12 दिनों बाद रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भी अपनी ही सरकार के इस फैसले को जनविरोधी और अव्यावहारिक करार देते हुए मंगलवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा और तत्काल नई गाइड लाइन दरों पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पूर्ववत गाइडलाइन दर पुनः लागू करने के साथ ही स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन कर वास्तविक बाजार मूल्यांकन कराया जाए। उल्लेखनीय हैं कि भाजपा सांसद श्री अग्रवाल के इस पत्र के बाद विरोध में आवाज बुलंद कर रहे विपक्षी पार्टियों के नेताओं को सरकार के खिलाफ बड़ा मुद्दा मिल गया है। श्री अग्रवाल का पत्र तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा हैं कि जनभावनाओं का सम्मान ही लोकतंत्र का आधार है। जनता पर आर्थिक बोझ नहीं होने देंगे, गाइडलाइन दरों में 100 से 800 फीसदी की वृद्धि अव्यावहारिक है। उन्होंने पत्र में लिखा कि प्रदेश में भूमि खरीदी-बिक्री के लिए कलेक्टर गाइडलाइन दरों में 100 से 800 प्रतिशत तक की वृद्धि पर आपत्तिजनक है, इस निर्णय को तत्काल स्थगित कर पुर्नविचार की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि नई गाइड लाइन दर प्रदेश में बिना किसी जन परामर्श, बिना किसी वास्तविक मूल्यांकन और बिना सामाजिक-आर्थिक प्रभावों की समीक्षा के अनियोजित वृद्धि कर दी गई है। इससे पूरे प्रदेश में अनेक वर्गों में असंतोष उफान पर है।
उन्होंने आगे कहा कि इस फैसले से किसान, छोटे व्यवसायी, कुटीर उद्यमी, मध्यम वर्ग, छोटे रियल एस्टेट क्षेत्र और निवेशक सभी इस निर्णय के खिलाफ है व्यापक विरोध को देखते हुए यह निर्णय किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। यह वृद्धि ‘इज ऑफ लिविंग ‘और ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस दोनों के विपरीत है और प्रदेश की आर्थिक रीढ़ पर सीधी चोट है।
लाभांडी व निमोरा का दिया उदाहरण
श्री अग्रवाल ने अपने पत्र में राजधानी के समीप लाभांडी और निमोरा जैसे गाँवों का उदाहरण देते हुए लिखा कि किस प्रकार बिना किसी वास्तविक मूल्यांकन के गाइडलाइन दरों में 725 प्रतिशत और 888 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी गई है, जो किसी भी आर्थिक न्याय का पालन नहीं करती, साथ ही, नवा रायपुर के ग्रामीण क्षेत्रों को बिना आवश्यक सुविधाएँ विकसित किए नगरीय क्षेत्र घोषित करने पर भी उन्होंने गंभीर सवाल उठाए हैं।
भूमि अधिग्रहण में आता हैं एक प्रतिशत हिस्सा
सांसद श्री अग्रवाल का कहना है कि, गाइड लाइन दर में वृद्धि पर दावा किया जा रहा है कि किसानों को भूमि अधिग्रहण में अधिक मुआवजा मिलेगा, परन्तु वस्तुस्थिति बिल्कुल अलग है। भूमि का केवल एक प्रतिशत हिस्सा ही अधिग्रहण में आता है, किंतु 99 प्रतिशत जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डाल दिया गया है। गाइडलाइन मूल्य 100 प्रतिशत बढ़ाने के बाद भी पंजीयन शुल्क 4 प्रतिशत बनाए रखना जनता के साथ अन्याय है, जिसे घटाकर पुनः 0.8 प्रतिशत किया जाना चाहिए। इसी तरह नवा रायपुर में सम्मिलित ग्रामीण क्षेत्रों को नगरीय क्षेत्र से करने तथा पंजीयन शुल्क 4 प्रतिशत से घटाकर 0.8 प्रतिशत किया जाए।



















