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‘मोदी जी में मुझे मां जैसा अपनापन और पिता जैसी मजबूती दिखती है’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी मुझे मां जैसे लगते हैं। मैं देखती हूं कि वह मां जैसा ध्यान रखते हैं। जैसे ये खाना चाहिए, पोषण तत्व, मतलब देश की महिलाओं में, बच्चों में कुपोषण दूर होना चाहिए। कभी पूरे देश को कहते हैं कि भई थोड़ा ऑयल कम करो, मोटापा कम करो, मिलेट का उपयोग, योगा, खेल-कूद पर जोर देते हुए उनमें मां जैसा स्नेह नजर आता है। जब वह उज्ज्वला की बात करते हैं, जब वह शौचालय की बात करते हैं, जब कुपोषण की बात करते है, जब महिला के नाम पर घर की छत हो, इसकी बात वह करते हैं तो वो मेरी मां जैसे लगते हैं।

वह मुझे पिता जैसे साहसी और निर्णायक भी दिखते हैं। जब वह बड़े-बड़े डिसीजन लेते हैं और कभी स्ट्रिक्ट एक्शन लेने में हमेशा तैयार रहते हैं। पूरे देश में जीएसटी को लाकर ‘एक देश, एक टैक्स’ की बात उनकी सोच है। देश में सीमाओं पर सुरक्षा की बात अगर हम करें, चांद तक पहुंचने की बात करें, डिफेंस सेक्टर को मजबूत करने की, सेनाओं को संबल देने की बात करें तो पिता जैसा साहस उनमें नजर आता है।

आज यदि मेरे जैसे साधारण परिवार से आई साधारण कार्यकर्ता को एक राज्य की मुख्यमंत्री बनाने का साहस कोई करता है, तो वह नरेंद्र मोदी जी है। आज यदि देश की बेटियों, बहनों को सम्मान देने का साहस कोई रखता है, तो वह नरेंद्र मोदी जी हैं। मैं तो कुछ भी नहीं थी, जब पार्टी से जुड़ी। न मेरा कोई पॉलिटिकल बैकअप था और न ही संसाधन। मैं मुख्यमंत्री रहते हुए अपने दायित्वों का गंभीरता से निर्वाह कर रही हूं, उसकी ताकत मुझे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मिलती है। आज मैं निर्भीक होकर काम कर सकती हूं क्योंकि देश के प्रधानमंत्री का संबल मेरे साथ है। आज उनका इतना कहना कि ‘तुम्हें कोई समस्या हो, तो क्षण मत लगाना, मुझसे बात करना।’ यह मेरे लिए बहुत ही ताकत देने वाला है।

वर्ष 2014 में जब मोदी जी का नाम प्रधानमंत्री के लिए आया। उस दौर में एक गाना चलता था कि ‘मोदी आने वाला है, मोदी आने वाला है।’ यह गाना हर गली, हर नुक्कड़, चौराहों पर स्पेशल सुनाई देने लगा था। उसके बाद एक स्वर्णिम अध्याय भारतीय जनता पार्टी की किताब में लिखा जाना शुरू हो गया, जब एक बड़े अम्ब्रेला के नीचे पूरी पार्टी एकजुट होकर चली। उसका कारण जो मैं सोचती हूं, वह है नरेंद्र मोदी जी का विज़न, उनकी मेहनत, देश और पार्टी के प्रति समर्पण।

माननीय मोदी जी के व्यक्तित्व में एक और विशेष बात है, वैसे तो यह विशेषता भारतीय जनता पार्टी के अधिकतर नेताओं में है, पर फिर भी उनके लिए मैं विशेष कहना चाहूंगी। वह पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर, कार्यकर्ता के रूप में हर लेवल का काम करते हुए यहां तक पहुंचे। उन्हें मालूम है कि एक समिति के कार्यकर्ता की क्या भावना होती है, जो व्यक्ति जनप्रतिनिधि हो गया तो उनकी क्या भावना है। अगर 24×7 का अर्थ किसी ने विश्व को समझाया है, तो वह मोदी जी हैं। वह तीन टेन्योर लगातार मुख्यमंत्री रहे। प्रधानमंत्री के रूप में उनका तीसरा टेन्योर चल रहा है। यह आश्चर्य की बात है कि इतने साल में उन्होंने एक दिन भी अवकाश नहीं लिया। किसी भी मीटिंग में वे सुस्ताते या बोझिल नजर नहीं आएंगे। उनका दिमाग हर क्षण काम करता रहता है। वह दूर तक बैठे हुए कार्यकर्ता को भी रेकग्नाइज़ करते हैं। हर विषय से वह कनेक्ट होते हैं। जो हर दिवाली देश के जवानों के बीच मनाते हैं और जन्मदिन सेवा संकल्प के रूप में।

मैंने मोदी जी को लगातार काम करते हुए देखा है। देश में कहीं भी संकट हो, विदेशों में कहीं आपदा आए, वह हर जगह मदद का हाथ बढ़ाते हैं। ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना से ओत-प्रोत, कभी भी बड़ी से बड़ी विपत्ति में विचलित न होना और पूरे तंत्र को साथ में लेकर चलना, सम्मान देना-ये गुण एक व्यक्तित्व में यदि इकट्ठे होते हैं और उसको यदि कोई नाम देना है, तो वह नरेंद्र मोदी जी हैं। जब मैं छोटी थी, तो मुझे कोई कहता था कि भारत फिर से विश्व गुरु बनेगा। तो मैं यह सोचती थी, कैसे बनेगा? यह कैसी भविष्यवाणी है? पर जब से मैंने मोदी जी के नेतृत्व में देश को आगे बढ़ते देखा, मुझे समझ में आया कि हां, यह भविष्यवाणी जरूर सच होगी। मोदी जी को मेरा प्रणाम।

(लेखिका दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता है)

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