
छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं के खातों में आने वाली राशि पिछले कुछ महीनों से रुकी हुई है। कई लाभार्थी महिलाएं तीन से चार महीने से पैसे का इंतजार कर रही हैं, जबकि कुछ के खातों में केवल आधी राशि ही आई है। इस स्थिति में महिलाएं बैंक और महिला एवं बाल विकास विभाग के चक्कर काटकर थक चुकी हैं, लेकिन उन्हें यह स्पष्ट नहीं किया जा रहा है कि भुगतान में देरी का कारण क्या है।
बिलासपुर जिले की कई महिलाएं प्रतिदिन अपने दस्तावेज लेकर विभागीय कार्यालय पहुंच रही हैं, लेकिन घंटों इंतजार करने के बावजूद उन्हें समाधान नहीं मिल रहा है। कुछ हितग्राहियों ने बताया कि बैंक और विभाग दोनों एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। हितग्राही प्रमिला नवरंग और कुवर बाई ने कहा कि उन्हें पिछले तीन महीनों से राशि प्राप्त नहीं हुई है। विभाग और बैंक दोनों स्थानों पर जाने के बावजूद उन्हें कोई ठोस जानकारी नहीं मिल रही है।
मदद की योजना बनी सिरदर्द
महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई महतारी वंदन योजना अब उनके लिए समस्याओं का स्रोत बनती जा रही है। तकनीकी त्रुटियों और विभागीय लापरवाही के कारण लाभार्थी महिलाएं बार-बार दस्तावेजों के लिए दौड़ने को मजबूर हैं। अधिकारियों को चाहिए कि वे स्वयं गांवों में जाकर इन समस्याओं का समाधान करें।
सुरेश सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी, ने बताया कि आधार कार्ड को हर 5 से 10 साल में अपडेट करना आवश्यक है। कई महिलाओं के आधार अपडेट नहीं होने के कारण उनके लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) बंद हो गया है। ऐसे मामलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महिलाओं के आधार को अपडेट करने और बैंक जाकर DBT को लिंक करने में सहायता कर रही हैं। सुधार के बाद, लंबित राशि उनके खातों में भेजी जाएगी।