केंद्र सरकार की ओर से मनरेगा स्कीम का नाम बदलने की तैयारी है। इसे आम लोगों के बीच जी राम जी योजना के नाम लोकप्रिय बनाया जा सकता है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार इसे लेकर लोकसभा में विधेयक लाने की तैयारी है और इसके तहत 125 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाएगी। इस स्कीम का पूरा नाम होगा- विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार ऐंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)। इसे ‘VB- जी राम जी’ योजना भी कहा जा रहा है। बिल के ड्राफ्ट के अनुसार इस स्कीम को विकसित भारत 2047 के विजन से जोड़ा जाएगा। इसके तहत ग्रामीण स्तर पर रोजगार प्रदान किया जाएगा ताकि पलायन रुके और गांवों की व्यवस्था आत्मनिर्भर बन सके।
बिल के अनुसार सरकारी कामों को इसी स्कीम के तहत कराया जाएगा। इसके माध्यम से जल संरक्षण, ग्रामीण ढांचागत सुविधाओं का विकास, आजीविका से जुड़े मिशनों पर काम होगा। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास होगा कि खेती के पीक सीजन के दौरान गांवों में श्रमशक्ति की भी उपलब्धता बनी रहे। इन योजनाओं को पीएम-गति शक्ति से जोड़ा जा सकता है। इसके तहत होने वालों कामों की मॉनिटरिंग के लिए भी आधुनिक व्यवस्था का सहारा लिया जाएगा। इसके तहत जीपीएस और मोबाइल बेस्ड मॉनिटरिंग होगी। इसके अलावा इससे जुड़े कामों की प्लानिंग, ऑडिटिंग, फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया जाएगा।
इस बीच सरकार के प्रस्ताव का विरोध भी होने लगा है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा। इस बात का पहले ही अंदेशा था कि महात्मा गांधी का नाम स्कीम से हटाए जाने को लेकर विवाद हो सकता है। हालांकि योजना में ‘जी राम जी’ जोड़े जाने से भाजपा के हाथ भी एक कार्ड लग गया है। ऐसे में मनरेगा का नाम बदले जाने की डिबेट संसद में यदि महात्मा गांधी बनाम राम होती दिखे तो कोई हैरानी नहीं होगी। दरअसल बीते करीब दो दशकों में मनरेगा स्कीम ने ग्रामीण स्तर पर तस्वीर को बदलने का काम किया है।



















