रायपुर. बदल रहा है अब लोग सिर्फ मकान नहीं, बल्कि बेहतर जीवन शैली भी चाहते हैं। पहले सिविल लाइन जैसी कॉलोनियों को ‘एलिट’ माना जाता था, अब लोग खुले, सुरक्षित और सुविधाओं से भरपूर कम्युनिटी कैंपस में रहना पसंद कर रहे हैं। क्लब, मंदिर, गार्डन, क्लोज कैम्पस और हर उम्र के लिए मनोरंजन की जगह यह सब अब ‘जरूरत’ बन चुका है, लक्जरी नहीं। ‘आज लोग ट्रैफिक और भागदौड़ से दूर, प्रकृति के पास रहना चाहते हैं,’ कहते हैं अविनाश ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर आनंद सिंघानिया, जिनकी सोच ने रायपुर की रियल एस्टेट तस्वीर ही बदल दी।
शुरुआत तीन कर्मचारियों से, अब 17 हजार खुशहाल कस्टमर
1996 का साल था। सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर चुके आनंद के सामने दो रास्ते थे एक पारंपरिक व्यवसाय और दूसरा रियल एस्टेट में खुद की राह बनाना। संयोग से उनके चाचा ने रियल एस्टेट का काम शुरू किया था। खुद की दिलचस्पी न होने पर उन्होंने आनंद को यह जिम्मेदारी संभालने का सुझाव दिया। यहीं से तीन कर्मचारियों के साथ ‘अविनाश ग्रुप’ की यात्रा शुरू हुई। आज 30 साल बाद, 60 से ज्यादा प्रोजेक्ट और 17 हजार से अधिक संतुष्ट ग्राहक यह सफर सिर्फ सफलता नहीं, विश्वास की कहानी है। उनके प्रोजेक्ट्स मारूति लाइफ स्टाइल, मेग्नेटो मॉल, चितवन, लगून रायपुर के लैंडमार्क बन चुके हैं। नया रायपुर में 75 एकड़ में बन रहा अविनाश उपवन और ट्विनसिटी जैसे प्रोजेक्ट इस पहचान को और मजबूत करते हैं।
‘रायपुर को मेट्रो सिटी की तरह बनते देखना चाहता था’
सिंघानिया बताते हैं, ‘मैं गंजपारा की नेमीचंद गली में पला-बढ़ा। बचपन में लगता था कि रायपुर छोटा शहर है। जब दिल्ली या मुंबई जाता था तो लोग पूछते थे-रायपुर कहां है?’ इस अहसास ने उनके भीतर एक संकल्प जगाया रायपुर को ऐसा बनाना कि लोग कहें, ‘हम किसी से कम नहीं।’ यही सोच मेग्नेटो मॉल जैसे प्रोजेक्ट्स की प्रेरणा बनी, जो उस वक्त एक चैलेंजिंग प्रयोग था। लोगों को लगता था कि रायपुर इतने बड़े मॉल के लिए तैयार नहीं, लेकिन उन्होंने इसे सफलतापूर्वक साकार किया।
अविनाश ग्रुप की सफलता में टीम का बड़ा हाथ एम्प्लाई के साथ शुरुआत की थी
श्री आनंद बताते हैं कि उन्होंने 3 और आज 400 एम्प्लाई, 12 से 14 स्ट्रांग लीडर, डायरेक्टर्स की तगड़ी टीम हैं। अविनाश ग्रुप की सफलता में उनकी टीम का बड़ा हाथ है। वे कहते हैं कि मैं मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में जरूर सामने हूं, लेकिन ग्रुप चेयरमैन चाचा अरुण सिंघानिया का विजन और सपोर्ट, छोटे भाई का काफी सहयोग है। अविनाश ग्रुप के डायरेक्टर्स प्रतीक शर्मा, सौरभ अग्रवाल, यश सिंघानिया अलग-अलग मोर्चा सम्हाले हैं। टीम के 12 एचओडी प्रोसेस, परचेस, लीगल, मार्केटिंग, सेल्स, डिजाइन आदि देखते हैं।
विश्वास जीता, रियल एस्टेट को दिया कॉपोर्रेट का स्वरूप
जब आनंद ने इस क्षेत्र में कदम रखा, तब रियल एस्टेट को ठेकेदारी बिजनेस माना जाता था। पारदर्शिता कम थी, भरोसा सरकारी एजेंसियों पर था। उन्होंने पारिवारिक मूल्यों और ईमानदारी से लोगों का विश्वास जीता, कमिटमेंट पूरे किए, कस्टमर रिलेशन को प्राथमिकता दी और कस्टमर केयर संस्कृति बनाई। यही वह मोड़ था, जब उन्होंने रियल एस्टेट को कॉपोर्रेट स्वरूप दिया।
क्रेडाई के माध्यम से उठाते हैं समस्या
क्रेडाई में दो बार नेशनल वाइस प्रेसीडेंट रहे और दस साल से बोर्ड में हैं। पहले छत्तीसगढ़ बिल्डर एसोसिएशन था, उनके कार्यकाल में ही एसोसिएशन का नाम बदलकर छत्तीसगढ़ क्रेडाई हुआ और वे पहले अध्यक्ष बने। क्रेडाई रियल एस्टेट सेक्टर की छवि काफी सुधरी है।
‘हमने सिर्फ इमारतें नहीं, जीवनशैली बनाई’
आनंद कहते हैं, ‘हमने हमेशा इस पर फोकस किया कि लोगों की लाइफ स्टाइल कैसे अपग्रेड हो।’ रायपुर की पहली क्लोज कैंपस कॉलोनी मारूति विहार ने शहर में एक नया ट्रेंड सेट किया। चितवन, लगून और अविनाश टॉलेस्ट टॉवर जैसे प्रोजेक्ट्स ने कम्युनिटी लिविंग की संस्कृति को और गहराई दी। नया रायपुर के लगून प्रोजेक्ट में एक लाख स्क्वेयर फीट का विशाल तालाब बना जहां लोग प्रकृति के बीच अपने दूसरे घर का सपना पूरा कर रहे हैं।
अफोर्डेबल की बजाय इस वजह से लक्जरी प्रोजेक्ट
अनिनाश ग्रुप के एमडी श्री आनंद का कहना है कि अफोर्डेबल हाउस नहीं बनने के पीछे बड़ी वजह बिल्डिंग मटेरियल, जमीन की कीमत और अप्रूवल दर बढ़ना है। आज अप्रूवल कास्ट, प्रापर्टी टैक्स लगातार बढ़ रहे। जीएसटी और इनकम टैक्स भी लग रहे। वहीं आम लोग जो कीमत चाहते हैं, उस दर पर अफोर्डेबल हाउस बन नहीं पा रहे। वहीं प्रीमियम सेग्मेंट के मकान में जिनके पास पैसे हैं, वह हाथों हाथ खरीद लेते हैं।
नया प्रोजेक्ट नहीं, शहर में बने रिक्रिएशन सेंटर, ऑक्सीजोन
श्री आनंद कहते हैं कि शांतिनगर, शंकर नगर में खाली होने वाली जगह, भैसथान में अच्छे रिक्रिएशन सेंटर, सिंगापुर जैसे बड़े-बड़े पार्क बने। उन जगहों पर किसी प्रोजेक्ट की बजाय ऑक्सीजोन, नालंदा परिसर जैसी लाइब्रेरी बनाएं। तालाबों का जीर्णोद्धार हो तथा मरीन ड्राइव बनाएं ।
हर बार कुछ नया करें
अविनाश ग्रुप के एमडी श्री आनंद का युवाओं के लिए मैसेज है कि कस्टमर का विश्वास जीते और कस्टमर को जो कमिटमेंट कर रहे हैं, उस पर खरा उतरें। मार्केट के हिसाब से बदलाव लाए। हर बार कुछ नया करें। जनरेशन चेंज हो रही है, नए समय के हिसाब से काम करें। श्री सिंघानिया कहते हैं कि जब भी समय मिलता है, वाइफ के साथ लांग ड्राइव, डिनर या मूवी देखने के लिए चले जाते हैं। कई बार वीकेंड में नया रायपुर स्थित सेकंड होम में परिवार के साथ समय व्यतीत करते हैं।
आफिस का आने वाला है चलन
आनंद बताते हैं कि अब कॉपोर्रेट में सीईओ ऑफिसेस का चलन आने वाला है। लोग चाह रहे हैं कि सीईओ ऑफिस बने, जिसमें एक स्टोर पूरा रहे और डेडिकेटेड लिफ्ट मिले। डेडिकेडेट पाकिंर्ग, कॉफ्रंसेस की सुविधा हो।
1. रियल एस्टेट रायपुर (Real Estate Raipur),
2. आनंद सिंघानिया (Anand Singhania),
3. अविनाश ग्रुप (Avinash Group),
4. डेस्टिनेशन वेडिंग रायपुर (Destination Wedding Raipur),
5. मेग्नेटो मॉल (Magneto Mall),
6. मारूति लाइफ स्टाइल (Maruti Lifestyle),
7. चितवन प्रोजेक्ट (Chitvan Project),
8. लगून रायपुर (Lagoon Raipur),
9. अविनाश उपवन (Avinash Upvan),
10. ट्विनसिटी प्रोजेक्ट (Twinsity Project),
11. कम्युनिटी लिविंग (Community Living),
12. प्रीमियम हाउसिंग (Premium Housing),
13. लक्जरी लाइफस्टाइल (Luxury Lifestyle),
14. नया रायपुर (New Raipur),
15. क्रेडाई छत्तीसगढ़ (CREDAI Chhattisgarh),
16. पारदर्शिता रियल एस्टेट (Transparency Real Estate),
17. कस्टमर केयर (Customer Care),
18. रिक्रिएशन सेंटर (Recreation Center),
19. ऑक्सीजोन रायपुर (Oxygen Zone Raipur),
20. मरीन ड्राइव रायपुर (Marine Drive Raipur),
21. कॉर्पोरेट ऑफिस (Corporate Office),
22. सीईओ ऑफिस (CEO Office),
23. अफोर्डेबल हाउसिंग (Affordable Housing),
24. प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax),
25. बिल्डिंग मटेरियल कॉस्ट (Building Material Cost),


















