रायपुर. छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की बुनियाद को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। बिहार की तर्ज पर दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ छत्तीसगढ़ में भी मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया मंगलवार 28 अक्टूबर 2025 से शुरू हो रही है। भारत निर्वाचन आयोग की घोषणा के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सभी 33 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। गणना पत्रक मुद्रित होकर वितरण के लिए भेजे जा रहे हैं।
राज्य में वर्तमान में 2 करोड़ 12 लाख 30 हजार मतदाता हैं और 24,371 मतदान केंद्र हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) तैनात रहेगा। इनके अलावा 38,368 बूथ लेवल एजेंट (BLA) राजनीतिक दलों की ओर से और 467 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO) व सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (AERO) नियुक्त किए गए हैं। सोमवार रात से मतदाता सूची फ्रीज कर दी गई है, यानी नए नाम जोड़ने पर अस्थायी रोक लग गई है।
घर-घर तीन बार दस्तक, कोई मतदाता न छूटे
एसआईआर की सबसे खास बात यह है कि हर बीएलओ अपने बूथ के हर मतदाता के घर तीन बार जाएगा। पहली बार गणना पत्रक (Enumeration Form) वितरित करेगा, दूसरी बार मतदाता द्वारा भरा हुआ फॉर्म एकत्र करेगा और तीसरी बार यदि कोई छूट गया हो तो उसे शामिल करेगा। मतदाता स्वयं फॉर्म भरकर बीएलओ को लौटाएंगे। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि कोई पात्र मतदाता सूची से बाहर न रहे।
यदि कोई मतदाता अस्थायी रूप से बाहर गया है या कार्य समय में उपलब्ध नहीं है, तो वह ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से स्वयं विवरण अपडेट कर सकता है। संदिग्ध मतदाताओं से दस्तावेज मांगे जाएंगे। जिनके नाम पर संदेह होगा, उन्हें सूची से हटाया जा सकता है। मृतक, पता बदल चुके या डुप्लिकेट प्रविष्टियों के नाम भी हटाए जाएंगे।
70% टेबल टॉप मिलान पूरा, आधार से होगी पहचान
छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 2003 की मतदाता सूची का 2025 की सूची से टेबल टॉप मिलान शुरू किया गया था, जिसमें लगभग 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। एसआईआर में सभी मतदाताओं से आधार नंबर लिया जाएगा, लेकिन इसका उपयोग केवल पहचान सत्यापन के लिए होगा, गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
समयबद्ध प्रक्रिया: 9 दिसंबर से अंतिम प्रकाशन तक
– 9 दिसंबर 2025: मतदाता सूची प्रारूप का प्रकाशन
– 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026: दावा-आपत्ति प्राप्त करने की अवधि
– 7 फरवरी 2026: मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन
ईआरओ दावा-आपत्तियों का निराकरण करेंगे। उनके फैसले के खिलाफ प्रथम अपील जिला कलेक्टर और द्वितीय अपील मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुनेंगे।
एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता
निर्वाचन आयोग के नियम के अनुसार किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। यदि संख्या बढ़ती है तो नया केंद्र बनाया जाएगा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक निर्वाचन निबंधन अधिकारी (ERO) नियुक्त होगा, जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगा।
सामान्य संशोधन से अलग है SIR
एसआईआर सामान्य मतदाता सूची संशोधन से कहीं अधिक विस्तृत और गहन प्रक्रिया है। इसमें घर-घर जाकर फील्ड वेरिफिकेशन अनिवार्य है। बीएलओ न केवल फॉर्म वितरित करेंगे, बल्कि पिछले रिकॉर्ड से नाम, रिश्तेदारों के नाम मिलान में भी मदद करेंगे।
सभी अधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा
सोमवार तक सभी जिलों में बीएलओ, ईआरओ, एईआरओ और अन्य अधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। राजनीतिक दलों के बीएलए भी सक्रिय रहेंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सभी जिला अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बरती जाए।
उद्देश्य: शुद्ध, समावेशी और विश्वसनीय मतदाता सूची
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने कहा, “एसआईआर का उद्देश्य एक शुद्ध, समावेशी और विश्वसनीय मतदाता सूची तैयार करना है। हमारा लक्ष्य है कि कोई पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई अपात्र नाम रहे नहीं।” उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे बीएलओ के साथ सहयोग करें और सही जानकारी प्रदान करें।
राजनीतिक दलों की भूमिका अहम
राजनीतिक दलों के 38,368 बीएलए मतदाता सूची की शुद्धता पर नजर रखेंगे। वे संदिग्ध प्रविष्टियों की शिकायत कर सकते हैं और दावा-आपत्ति भी दर्ज करा सकते हैं।
डिजिटल सुविधा भी उपलब्ध
मतदाता वोटर हेल्पलाइन ऐप, वोटर पोर्टल (voters.eci.gov.in) या 1950 हेल्पलाइन के माध्यम से भी अपनी स्थिति जांच सकते हैं और आवश्यक सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं।
एसआईआर प्रक्रिया न केवल मतदाता सूची को दुरुस्त करेगी, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनता का विश्वास भी बढ़ाएगी। छत्तीसगढ़ में यह अभियान 28 अक्टूबर से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 तक चलेगा। नागरिकों से अपील है कि वे इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाएं ताकि उनका नाम सही ढंग से मतदाता सूची में शामिल हो।



















