राजधानी रायपुर में 1 नवंबर 2025 से पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया जाएगा। सीएम विष्णुदेव साय ने 15 अगस्त को इसकी घोषणा की थी। इस प्रणाली के तहत पुलिस को कलेक्टर जैसे अधिकार मिलेंगे, जिससे कानून-व्यवस्था बनाए रखना और तेज़ कार्रवाई करना आसान होगा।
कमिश्नर प्रणाली के प्रमुख बिंदु
- ड्राफ्टिंग टीम: DGP अरुण देव गौतम ने 7 वरिष्ठ IPS अफसरों की टीम बनाई। ADG प्रदीप गुप्ता ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष हैं। टीम में नारकोटिक्स IG अजय यादव, रायपुर रेंज IG अमरेश मिश्रा, IG ध्रुव गुप्ता, DIG अभिषेक मीणा, DIG संतोष सिंह और SP प्रभात कुमार शामिल हैं।
- पुलिस अधिकार: कमिश्नर मजिस्ट्रेट की तरह प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर सकेंगे। हिरासत, गुंडा एक्ट, रासुका, होटल/बार लाइसेंस, धरना-प्रदर्शन की अनुमति, दंगे में बल प्रयोग और जमीन विवाद सुलझाने जैसी शक्तियां पुलिस के पास होंगी।
- पद संरचना: CP, Jt. CP, Addl. CP, DCP, Addl. DCP, ACP, PI/SHO, SI और कॉन्स्टेबल।
रायपुर में लागू करने की वजह
- जनवरी 2025 से अब तक लगभग 6 हजार से ज्यादा केस दर्ज, जिनमें 50 से ज्यादा मर्डर।
- चाकूबाजी के 65+ मामले, लूट-चोरी और नशीली पदार्थों के मामले बढ़े।
- धार्मिक विवाद और मारपीट की घटनाएं भी सामने आईं।
पुलिस फोर्स की कमी
- रायपुर की आबादी अब 25-26 लाख है, जबकि पुलिस फोर्स केवल 2980 है। आवश्यक फोर्स लगभग 7000 जवान है।
- थानों में सिपाहियों की सबसे ज्यादा कमी है; 750+ पद खाली।
- ट्रैफिक विभाग में भी 525 पद मंजूर हैं, लेकिन भर्ती नहीं हुई।
- इस साल 7 माह में 38 पुलिसकर्मी रिटायर, पिछले डेढ़ साल में कुल 92 रिटायर।
पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद रायपुर में कानून-व्यवस्था बनाए रखना तेज और प्रभावी होगा। यदि पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा, तो बिलासपुर, दुर्ग और अन्य जिलों में भी इसे लागू किया जा सकता है।