
रायपुर. बिजली दर बढ़ने के विरोध में सरिया और स्टील फैक्ट्रियों के बंद होने पर दो दिनों में 200 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है. इसमें रायल्टी, जीएसटी अप्रत्यक्ष कर और इकाइयों द्वारा उपभोग किए गए हिस्से का नुकसान शामिल है. वहीं, पिछले दो दिनों में 60000 टन स्टील का उत्पादन नहीं हो रहा है. इसके चलते 5 रुपए प्रतिकिलो कीमतों बढ़ने के साथ ही दूसरे राज्यों को स्टील-सरिया नहीं भेजा गया. Raipur News
छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने बताया कि इस नुकसान की जिम्मेदारी सरकार की शुल्क वृद्धि और उत्पादन रोकने वाले उद्योग पर आती है. उद्योगों की हड़ताल और आगे बढ़ी तो नुकसान और ज्यादा बढ़ता जाएगा. इससे केवल राजस्व का नुकसान ही नहीं बल्कि रोजगार भी प्रभावित होंगे और उत्पादन प्रभावित होने से बाजार में शार्टेज की स्थिति भी पैदा होगी. Raipur News
मुख्यमंत्री विष्णदेव साय के साथ 2 अगस्त को बिजली की दरों को लेकर फिर से बैठक होने वाली है. समस्या का निराकरण नहीं होने और हड़ताल आगे बढ़ने से लगातार नुकसान बढ़ता जाएगा. बता दें कि विद्युत विभाग द्वारा बिजली की दरों में बढ़ोतरी के विरोध में प्रदेश के 150 से ज्यादा मिनी स्टील प्लांट और फेरो एलायस फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया है. Raipur News
नुकसान की भरपाई करना मुश्किल
स्टील एवं सरिया कारोबारियों का कहना है कि पिछले दो दिनों में उत्पादन नहीं होने से देशभर में अन्य राज्यों का लोहा की बिक्री बढ़ी है. लोहा गलाने की भठ्टी के बंद होने से इसे दोबारा शुरू करने में अतिरिक्त बिजली के साथ ही उत्पादन में समय लगेगा. उद्योगपतियों का कहना है कि बढ़ी हुई बिजली दरों के कारण वे पड़ोसी राज्यों के साथ प्रतिस्पर्धा भी नहीं कर पा रहे है. शासन को चाहिए कि जल्द से जल्द इसका समाधान निकाले और बढ़ी हुई बिजली दर वापस लें. उनका कहना है कि हड़ताल के चलते अब जो स्टील उत्पादन नहीं हो रहा है, उसे बाद में पूरा नहीं किया जा सकता. इस नुकसान की भरपाई करना मुशकिल है.