रायपुर। राजधानी रायपुर के नवा रायपुर स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में 1 नवंबर की सुबह बेहद खास होगी। इस दिन दिल की बीमारी से जूझ चुके और यहां इलाज के बाद पूरी तरह ठीक हुए करीब 3500 बच्चे एक साथ जुटेंगे। ये बच्चे देश के अलग-अलग राज्यों के साथ ही बांग्लादेश, नेपाल और भूटान जैसे देशों से भी आएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस दिन राज्योत्सव में शामिल होने रायपुर आ रहे हैं और वे इन बच्चों से मुलाकात करेंगे।
अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी अजय सर्राफ ने बताया कि 2012 से अब तक अस्पताल में 37,500 से ज्यादा बच्चों का इलाज हुआ है, जिनमें से 37 हजार से अधिक बच्चों की दिल की सर्जरी की जा चुकी है। वहीं साढ़े तीन लाख से ज्यादा बच्चों को ओपीडी सुविधा दी गई है। अस्पताल के 13 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री को बच्चों से मिलने का निमंत्रण दिया गया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
अस्पताल की ओर से देश-विदेश से आने वाले बच्चों और उनके परिजनों के ठहरने और खाने की पूरी व्यवस्था की जा रही है। परिवारों को केवल आने-जाने का खर्च खुद उठाना होगा। सर्राफ ने बताया कि जब परिवारों से संपर्क किया गया, तो सभी ने खुशी-खुशी आने की स्वीकृति दी, क्योंकि इस अस्पताल में उनके बच्चों को नया जीवन मिला है।
श्री सत्य साईं हेल्थ एंड एजुकेशन ट्रस्ट के तहत यह अस्पताल नवंबर 2012 में नवा रायपुर के सेक्टर-2 में खोला गया था। यह देश का पहला ऐसा अस्पताल है जो बच्चों के दिल का इलाज पूरी तरह निशुल्क करता है। रायपुर के बाद 2016 में पलवल (हरियाणा), 2018 में खारघर (नवी मुंबई) और 2024 में कोंडापाका (तेलंगाना) में भी श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल की यूनिटें शुरू की जा चुकी हैं।
1 नवंबर को होने वाला यह आयोजन देश में अब तक दिल का इलाज करा चुके बच्चों की सबसे बड़ी जुटान होगी, जहां बच्चे अपने जीवन की नई कहानी खुद प्रधानमंत्री को सुनाएंगे।



















