रामलला रत्नजड़ित रजत हिंडोले पर सुशोभित

अयोध्या . सावन शुक्ल पंचमी के पर्व पर श्रीरामजन्मभूमि में विराजमान रामलला को उनके अनुजों समेत रत्नजड़ित रजत हिंडोले पर प्रतिष्ठित कर दिया गया है. इसी के साथ यहां भी उत्सव का शुभारम्भ हो गया.
उत्सव में आनंद को अभिवृद्धि के लिए सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया जिसमें मंदिर परम्परा के गायक सुमधुर शास्त्रत्त्ी व मिथिला बिहारी दास समेत अन्य सहयोगियों ने मधुर भजनों से चार चांद लगाया.
रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येन्द्र दास शास्त्रत्त्ी ने बताया कि प्रात काल भगवान का पंचोपचार पूजन कर उनका विधिपूर्वक शृंगार किया गया और फल-मिष्ठान इत्यादि का भोग लगाकर रामलला समेत उनके अनुजों को रजत झूले पर प्रतिष्ठित कर दिया गया.
एकादशी से श्रद्धालुओं को झांकी का दर्शन
अयोध्या राज परिवार की परम्परा में श्री प्रताप धर्मसेतु वक्फ के तत्वावधान में संचालित राज परिवार के सभी मंदिरों में सावन में भगवान की झूलन झांकी सजाई जाती है. उत्सव का आयोजन एकादशी से पूर्णिमा तक होता है. इन्हीं तिथियों में मंदिरों के पट आम श्रद्धालुओं के लिए भी खोल दिए जाते हैं.
चारों कुमार झूले पर ही विराजित रहेंगे
मुख्य अर्चक आचार्य सत्येन्द्र दास शास्त्रत्त्ी ने बताया कि सावन शुक्ल पूर्णिमा तक दशरथनंदन चारों कुमार इस झूले पर ही विराजित रहेंगे. उधर शुक्रवार को मंगला आरती के उपरांत गर्भगृह की दहलीज से बाहर झूले के आसन का शुद्धिकरण कर भगवान रामलला को विराजित कर उनका पूजन कर विधिपूर्वक श्रृंगार किया गया.