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Rudraksh: भगवान शिव का प्रिय रुद्राक्ष, 7 मुखी रुद्राक्ष से मिलता है धन, 8 मुखी से लंबी आयु जानें शिवमहापुराण में लिखें रुद्राक्ष के लाभ

भगवान शिव को रुद्राक्ष बहुत प्रिय हैं। रुद्राक्ष के बारे में शिवमहापुराण और स्कंन्द्पुराण में भी वर्णन किया गया है। महाशिवपुराण की विघेश्र्वर संहिता में रुद्राक्ष के बारे में भगवना शिव ने माता पार्वती को बताया है। इसमें 4 से लेकर 14 प्रकार के रुद्राक्ष बताए गए हैं। कहा जाता है कि अगर रुद्राक्ष को स्पर्श, पूजन मात्र से सभी प्रकार के पापों का निवारण हो जाता है। शिवमहापुराण में बताया गया है कि रुद्राक्ष को धारण करने के लिए मंत्र भी है। शिव महापुराण के अनुसार भगवान शिव के आंसू जहां गिरे और उन जगहों पर रुद्राक्ष के पेड़ उत्पन्न हो गए।

भगवान शिव की कृपा पाने के लिए रुद्राक्ष धारण किए जाते हैं। मुखों के आधार पर रुद्राक्ष को चार से चौद्ह मुखी रुद्राक्ष तक बांटा गया है। अगर धन प्राप्ति की इच्छा है तो इसके लिए 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। अगर लंबी आयु चाहिए तो 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। शिव महापुराण में बताया गया है कि चार मुख वाला रुद्राक्ष अर्थ, काम, मोक्ष देता है। तीन मुखी रुद्राक्ष साधना सिद्ध करता है। नौ मुखों वाला रुद्राक्ष को बाएं हाथ में धारण करना चाहिए, इससे सभी वैभव मिलते हैं। 11 मुख वाला रुद्राक्ष धारण करने से सब जगह मनुष्य को विजय मिलती है। 12 मुख वाला रुद्राक्ष पहनने से सूर्य के समान तेज दुनिया भर में फैलता है। तेरह मुखी वाला रुद्राक्ष सौभाग्य और मंगल देता है। 14 मुख वाला रुद्राक्ष भगवान शिव का स्वरूप कहा गया है, इससे धारण करने से सभी पापों का नाश होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि रुद्राक्ष की माला बनाकर इससे जप करने से भी शिवपद प्राप्त होता है।

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