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Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा पर भद्रा का साया, वृद्धि योग में बरसेगा अमृत, जानें- चांद की रोशनी में खीर रखने का मुहूर्त

इस वर्ष आश्विन पूर्णिमा तिथि सोमवार 6 अक्टूबर को है। अतः शरद पूर्णिमा आज मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर दोपहर 12:24 बजे शुरू होगी। उदया तिथि उन पर्वों में मान्य नहीं होती है. जिनमें रात्रि को पूजा की जाती है। इसलिए सूर्योदय के समय पूर्णिमा तिथि ना होने के बाद भी शरद पूर्णिमा आज मनाई जाएगी, क्योंकि रात्रिकाल में पूजन के दौरान पूर्णिमा तिथि व्याप्त रहेगी।

आज दोपहर प्रारंभ होने वाली पूर्णिमा तिथि कल अर्थात 7 अक्टूबर सुबह 9:18 बजे तक रहेगी। आज चंद्रोदय शाम 5:27 बजे होगा। 6 बजे के पूर्व चंद्रोदय होने के बाद भी लोगों को चांद की रोशनी में खीर रखने इंतजार करना होगा। चूंकि रात्रि 10 बजकर 53 मिनट तक भद्रा व्याप्त है इसलिए इससे पहले खीर नहीं रखी जा सकेगी। आज रात्रि 10 बजकर 53 मिनट से लेकर मध्यरात्रि 12 बजकर 9 मिनट तक चंद्रमा की रोशनी में खीर रखी जा सकती है।

तिथि और मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ : 6 अक्टूबर, दोपहर 12:24 बजे

पूर्णिमा तिथि का समापनः 7 अक्टूबर, सुबह 9:18 बजे

चंद्रोदयः 6 अक्टूबर, शाम 5:27 बजे।

खीर रखने का शुभमुहूर्त : 6 अक्टूबर रात 10 बजकर 37 मिनट से 12 बजकर 9 मिनट तक (लाभ-उन्नति मुहूर्त)।

दोपहर 1.14 बजे तक रहेगा वृद्धि योग

इस बार शरद पूर्णिमा वृद्धि योग के संयोग में मनाई जाएगी। वृद्धि योग का संयोग सुबह से शुरू होकर दोपहर 1:14 बजे तक रहेगा। यह दिन के समय पूजा-पाठ और अन्य शुभकार्य करने के लिए उत्तम रहेगा। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की अमृत किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं। चंद्रमा की किरणों में खीर रखने से वह अमृतमय हो जाती है और उसे खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है। इसके अलावा इस दिन चंद्रमा की पूजा के साथ-साथ मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। शहर के मंदिरों में भी खीर निर्मित कर भक्तों में प्रसाद स्वरूप वितरित की जाएगी।

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