शेयर बाजार में सफलता उन्हीं को मिलती है, जो दूरदृष्टि रखते हैं, धैर्य रखते हैं और सही कंपनियों को पहचानने की क्षमता रखते हैं। इसी सोच को सरल शब्दों में समझाने के लिए एक अनोखी निवेश दर्शन है- ‘SMILE Philosophy’। यहां SMILE का मतलब अलग है, जो किसी भी निवेशक को सफल रास्ता दिखाता है। आइए इसे सरल भाषा में समझें।
S: Small in Size (आकार में छोटा)
हर बड़ी कंपनी कभी छोटी थी। ‘S’ हमें सिखाता है कि निवेश की शुरुआत छोटे और मध्यम आकार की कंपनियों से करनी चाहिए। ऐसी कंपनियां जो अपने सेक्टर में अन्य कंपनियों की तुलना में थोड़ी छोटी हों। इन कंपनियों में आगे बढ़ने की अपार संभावनाएं होती हैं। इन पर बड़े संस्थागत निवेशक अक्सर ध्यान नहीं देते, जिससे शुरुआती निवेशकों को बड़ा लाभ मिल सकता है। परंतु ‘छोटी’ का अर्थ कमजोर नहीं होता। कंपनी की नींव मजबूत होनी चाहिए, प्रबंधन ईमानदार और विज़न साफ़ होना चाहिए।
M: Medium in Experience (अनुभव मे मध्यम)
शेयर बाज़ार में जीत किसी जादू का नहीं, सही सोच का नतीजा होती है। SMILE फिलॉसफी बताती है कि छोटी लेकिन संभावनाओ से भरी कंपनियों को पहचानकर, धैर्य और दूरदृष्टि से निवेश करने वाला ही सफल निवेशक बनता है।
‘Medium in Experience’ का अर्थ है कि कंपनी को इतना अनुभव हो कि उसने बाज़ार की चुनौतियों को झेला हो और उनसे सीख ली हो। यह बहुत नई कंपनी नहीं होनी चाहिए जो अभी प्रयोग के दौर में है, बल्कि ऐसी हो जो कुछ वर्षों से काम कर रही हो और अपने बिज़नेस मॉडल को साबित कर चुकी हो। ऐसी कंपनियां स्थिरता और सीख दोनों रखती हैं, जो उन्हें तेजी से आगे बढ़ने में मदद करती हैं।

L: Large in Aspiration (आकांक्षा में बड़ी)
किसी भी कंपनी की असली ताकत उसके सपनों और आकांक्षाओं में होती है। ‘L’ यह दर्शाता है कि कंपनी का प्रबंधन बड़ा सोचता हो, केवल मुनाफ़े तक सीमित न रहे, बल्कि कुछ बड़ा करने का सपना रखे। जब किसी कंपनी का नेतृत्व ऊंचे लक्ष्य तय करता है और उन्हें पाने की हिम्मत रखता है, तो वही कंपनी असली परिवर्तन लाती है। एक प्रेरित और विज़नरी प्रबंधन किसी भी छोटे व्यवसाय को उद्योग का नेता बना सकता है।
E: Extra-Large in Market Potential (बाज़ार की संभावना में बहुत बड़ा)
किसी कंपनी की तरक्की उसके काम के क्षेत्र पर निर्भर करती है। ‘B’ हमें सिखाता है कि हमें ऐसी कंपनियों में निवेश करना चाहिए जिनकी चीज़ों या सेवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही हो। जब कोई छोटी कंपनी एक बड़े और बढ़ते हुए उद्योग में काम करती है, तो उसके पास मल्टीबैगर (Multibagger) बनने की पूरी संभावना होती है। सही समय, सही उद्योग और सही प्रबंधन- ये तीनों मिलकर असाधारण रिटर्न दे सकते हैं।
SMILE फिलॉसफ़ी केवल निवेश की रणनीति नहीं, बल्कि सोच है। यह हमें सिखाती है कि छोटी शुरुआत से डरें नहीं, बल्कि उन कंपनियों को पहचानें जिनमें आगे चलकर विशाल बनने की क्षमता है। जब कोई कंपनी छोटी हो आकार में, मध्यम हो अनुभव में, बड़ी हो आकांक्षा में और विशाल हो बाजार की संभावना में, तो वह निवेशक के लिए सोने की खान बन सकती है।
(लेखक अनुभवी निवेशक और वेल्थ कोच है।)
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