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आज हनुमान भक्तों पर बरसेगी कृपा, मंगल दोष से मिलेगी राहत 

रायपुर। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि मंगलवार को है। इस दिन त्रिपुष्कर और रवि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। सूर्य तुला राशि में विराजमान हैं, जबकि चंद्रमा रात 10 बजकर 14 मिनट तक धनु राशि में रहेंगे। इसके बाद मकर राशि में गोचर करेंगे। ज्योतिष शास्त्र में यह संयोग अत्यंत शुभ माना जाता है, विशेषकर हनुमान भक्तों के लिए। स्कंद पुराण के अनुसार, मंगलवार के दिन ही राम भक्त हनुमान का जन्म हुआ था, जिस वजह से इस दिन उनकी पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। 

 हनुमान जी को मंगल ग्रह के नियंत्रक के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन के कष्ट, भय और चिंताएं दूर हो जाती हैं। साथ ही, मंगल ग्रह से संबंधित बाधाएं भी समाप्त हो जाती हैं। शाम को हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना शुभ माना जाता है। लाल रंग मंगल ग्रह का प्रतीक है, इसलिए इस दिन लाल कपड़े पहनना और लाल रंग के फल, फूल तथा मिठाइयां अर्पित करना अत्यंत फलदायी होता है। 

कैसे करें बजरंग बली की पूजा 

इस दिन बजरंग बली की पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म और स्नान करें। पूजा स्थल को साफ करें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं, पूजा सामग्री रखें और उस पर अंजनी पुत्र की प्रतिमा स्थापित करें। सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल और प्रसाद चढ़ाएं। हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। बजरंग बली की आरती उतारें। आरती का आचमन कर आसन को प्रणाम करें और प्रसाद ग्रहण करें। इस पावन दिन हनुमान जी की आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। 

 शंकराचार्य आश्रम बोरियाकला के प्रमुख आचार्य व ज्योतिषाचार्य ब्रह्मचारी डॉ. इंदुभवानंद तीर्थ महाराज ने बताया कि पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। राहुकाल दोपहर 2 बजकर 52 मिनट से शाम 4 बजकर 15 मिनट तक होगा। इस दिन कोई विशेष त्योहार नहीं है, लेकिन मंगलवार व्रत रख सकते हैं, जो राम भक्त हनुमान को समर्पित है। 

रवि योग ज्योतिष में एक शुभ योग 

ज्योतिषाचार्य डॉ. इंदुभवानंद तीर्थ महाराज के अनुसार, रवि योग ज्योतिष में शुभ माना गया है। यह तब बनता है जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नौवें, दसवें या तेरहवें स्थान पर होता है। इस दिन निवेश, यात्रा, शिक्षा या व्यवसाय की शुरुआत लाभकारी होती है। वहीं, त्रिपुष्कर योग तब बनता है जब रविवार, मंगलवार या शनिवार को द्वितीया, सप्तमी या द्वादशी तिथि हो। यह योग दुर्लभ है और भक्तों पर हनुमान जी की विशेष कृपा बरसाती है।

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