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रक्षाबंधन पर आज भद्रा का साया नहीं, दिनभर में कई शुभ मुहूर्त

हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। ज्योतिषविदों के अनुसार, इस साल रक्षाबंधन भद्रा मुक्त रहेगी। शनिवार को पूरे दिन रक्षा सूत्र बांधने के कई शुभ मुहूर्त के साथ विशेष शुभ संयोग ऐसे बन रहे हैं जो कई वर्षों बाद आए हैं।

राहुकाल में नहीं बांधें रक्षा सूत्र

ज्योतिषाचार्य रुचि कपूर के अनुसार राहु काल का विशेष ध्यान रखें। राहु काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। राहु काल सुबह 09.06 बजे से शुरू होकर 10.46 तक है।

आठ अगस्त की रात 1.48 पर समाप्त हो गई भद्रा

रक्षाबंधन से एक दिन पहले 08 अगस्त को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर भद्रा शुरू हुई और मध्य रात्रि में 1:48 बजे पर समाप्त हो गई। आज सुबह से ही रक्षा सूत्र बांधने का समय प्रारंभ हो जाएगा। …

विशेष शुभ संयोग

ज्योतिषाचार्य विभोर इंदूसुत के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं है। 40 वर्षों बाद रक्षाबंधन पर विशेष शुभ संयोग भी बन रहे हैं। दिन में परम शुभ सर्वार्थ सिद्धि योग और सौभाग्य योग भी बन रहा है। साथ ही 9 अगस्त को सूर्य और बुध कर्क राशि में एक साथ होने से बुधादित्य योग बनेगा। बृहस्पति और शुक्र का भी मिथुन राशि में एक साथ होना बहुत मंगलकारी योग है। चंद्रमा का अपने ही नक्षत्र श्रवण में गोचर करना भी रक्षाबंधन पर्व को और अधिक मंगलकारी बना रहा है।

अभिजीत मुहूर्त :

दोपहर11:59 से12:53 तक

लाभामृत योग :

दोपहर 02:06 से 05:26 तक

लाभ चौघड़िया :

सांध्य काल 07:00 से 08:20 तक

बहनें इन बातों का ध्यान रखें

● राखी बांधने का स्थान पूजा स्थल हो या पूर्वोत्तर दिशा का शुभ क्षेत्र

● पूजा की थाली में राखी, रोली, चावल, मिष्ठान, प्रज्ज्वलित दीपक, सुगंध, इत्र, धूप आदि रखें

● भाई अपना मुख पूर्व की तरफ रखें, केवल दायीं कलाई में ही राखी बंधवाएं

● मुट्ठी में फूल और हल्दी से रंगे पीले चावलों को अवश्य रखें

● बहन विजय तिलक लगा कर अक्षत को माथे पर सुशोभित करें

● राखी की तीन गांठें बांधना शुभ काफी शुभ माना जाता है

● भाई शुभ धनराशि और उपहार अपने हृदय से लगा कर अपनी बहन को प्रदान करें

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