परख सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ के आदिवासी बच्चे राष्ट्रीय औसत से आगे

रायपुर। परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण में इस बार आदिवासी जिलों के बच्चों ने भाषा, गणित में बेहतर प्रदर्शन किया है। अलग-अलग वर्ग में आयोजित परख परीक्षा में कक्षा तीसरी, छठवीं और नौवीं के अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों की सफलता का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है। तीनों कक्षाओं में बस्तर, बलरामपुर, बीजापुर और सरगुजा अन्य जिलों से आगे हैं।
दिसंबर-24 में राष्ट्रीय स्तर पर परख सर्वेक्षण के तहत परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें छत्तीसगढ़ से कक्षा तीसरी, छठवीं और नौवीं के 81099 बच्चे सम्मिलित हुए। इनमें कक्षा 3 के 24,346, कक्षा 6 के 25,411 एवं कक्षा 9 के 31342 विद्यार्थी थे। सर्वेक्षण में अजा, जजा, ओबीसी और सामान्य वर्ग के बालक-बालिका शामिल हुए।
पिछले दिनों जारी रिपोर्ट के अनुसार पूर्व वर्षों की तुलना में इस बार छत्तीसगढ़ के बच्चों का प्रदर्शन बेहतर है। सरकारी स्कूलों की कक्षा 3 के बच्चों ने भाषा और गणित में अनुदान प्राप्त, निजी और केन्द्रीय स्कूलों के बच्चों को पीछे छोड़ दिया। इस बार आदिवासी बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय औसत की तुलना में छत्तीसगढ़ के आदिवासी बच्चों की सफलता का प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार कक्षा तीसरी के सर्वेक्षण में भाषा में अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों की सफलता का राष्ट्रीय औसत 61 फीसदी है जबकि छत्तीसगढ़ के 63 प्रतिशत आदिवासी बच्चे सफल हुए। इस तरह राष्ट्रीय औसत से 2 फीसदी ज्यादा है। वहीं गणित में राष्ट्रीय औसत 57 प्रश और छत्तीसगढ़ की सफलता का औसत 63 प्रश है। तीसरी में सामान्य वर्ग के बच्चों का भी प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। इसी तरह कक्षा 6वीं में सामान्य वर्ग को छोड़ दें तो अनुसूचित जाति एवं ओबीसी की तुलना में अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चे भाषा और गणित में आगे हैं। भाषा में राष्ट्रीय औसत 51 प्रश और राज्य का औसत 53 फीसदी है। इसी तरह सामान्य वर्ग के बच्चे भी राष्ट्रीय औसत के मुकाबले 2 प्रश अधिक सफल हुए हैं। वहीं गणित में छत्तीसगढ़ और राष्ट्रीय का औसत 41-41 फीसदी अर्थात बराबर है। प्रदेश में सामान्य वर्ग के बच्चे राष्ट्रीय औसत से एक फीसदी अधिक सफल हैं। कक्षा 9वीं के भाषा विषय में आदिवासी बच्चों की सफलता का राष्ट्रीय औसत 49 और राज्य का औसत 49 प्रश है। गणित में राष्ट्रीय औसत से 1 प्रश तथा सामाजिक विज्ञान में 2 फीसदी ज्यादा है।
हर कक्षा में बालिकाएं ज्यादा सफल
छठवीं और नौवीं में बस्तर, बलरामपुर, बीजापुर एवं सरगुजा का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है। तीनों कक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन देखा जाए तो बालिकाओं ने बालकों को पीछे छोड़ दिया है। कक्षा तीन के भाषा में 58 प्रश बालक और बालिका 61 तथा गणित में बालक 56 प्रश तो बालिकाएं 58 फीसदी सफल रहीं। कक्षा 6वीं भाषा में बालकों से 6 फीसदी ज्यादा और गणित में एक फीसदी अधिक बालिकाओं का प्रदर्शन बेहतर रहा। इसी तरह कक्षा 9वीं में भी बालिकाओं ने बाजी मारी है।
2013-14 में 34वें स्थान पर था छत्तीसगढ़
एनसीईआरटी के माध्यम से भारत सरकार द्वारा 2001 से लगभग तीन वर्ष के अंतराल में बच्चों की उपलब्धि की स्थिति जानने राष्ट्रीय उपलब्धि परीक्षण आयोजित किया जाता है। वर्ष 2013-14 के सर्वे में छत्तीसगढ़ 34वें स्थान पर था। वर्ष 2017-18 में राज्य 34 वें से 18वें स्थान पर आया। वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ फिर अन्य राज्यों की तुलना में 30वें स्थान से भी पीछे चला गया था। इस बार राष्ट्रीय और राज्य औसत के परिणाम के बीच की खाई कम होने के साथ ही छत्तीसगढ़ बेहतर स्थिति में है।