सनातन धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व होता है। मान्यता के अनुसार रोजना तुलसी की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। माना जाता है कि तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है। कई मौकों पर इस पौधे की पूजा करना अनिवार्य होता है। वहीं तुलसी विवाह के दिन इसकी पूजा अर्चना करने से मां लक्ष्मी सुख समृद्धि का वरदान देती हैं। तुलसी विवाह हिंदू धर्म का खास त्योहार है। इस दौरान भगवान विष्णु के प्रतीक शालीग्राम और तुलसी के पौधे का विवाह कराया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से शादीशुदा लाइफ अच्छी चलती है और जीवन में आने वाली हर बाधा दूर हो जाती है। चलिए जानते हैं कि इस साल तुलसी विवाह कब है और इसकी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या है?
तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त
तुलसी विवाह हर साल कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर ही तुलसी विवाह मनाया जाता है। हिंदू पंचाग के हिसाब इस तिथि की शुरुआत 2 नंबवर से होगी। सुबह 7:31 बजे से इस तिथि की शुरुआत हो जाएगी। साथ ही इसका समापन अगले दिन यानी 3 नंबवर को होगा। इस दिन का मुहूर्त सुबह 5:07 बजे तक होगा। ऐसे में 2 नंबवर के दिन ही तुलसी विवाह मनाया जाएगा।
तुलसी विवाह की पूजा विधि
घर के आंगन, बालकनी या पूजा स्थल पर तुलसी के पौधे को स्थापित करें और उस पर रंगोली बनाकर सुंदर मंडप सजाएं।
- तुलसी जी को चूड़ी, चुनरी, साड़ी और सभी शृंगार सामग्री अर्पित करें।
- शालिग्राम जी को तुलसी के पौधे के दाहिनी ओर स्थापित करें।
- तुलसी माता और शालिग्राम भगवान को गंगाजल से स्नान कराएं।
- शालिग्राम जी को चंदन और तुलसी जी को रोली का तिलक लगाएं।
- उन्हें फूल, भोग के रूप में मिठाई, गन्ने, पंचामृत सिंघाड़े आदि चढ़ाएं।
- धूप और दीप जलाएं।
- शालिग्राम जी पर चावल नहीं चढ़ाया जाता, इसलिए उनके ऊपर तिल या सफेद चंदन चढ़ाएं।
- विधिवत मंत्रोच्चार के साथ देवी तुलसी और शालिग्राम भगवान के सात फेरे कराए जाते हैं।
- विवाह के बाद आरती करें और प्रसाद सभी में बांटें।
धार्मिक महत्व
तुलसी विवाह का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है। माना जाता है कि जो भक्त विधि-विधान से तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराता है, उन्हें कन्यादान के समान पुण्य फल प्राप्त होता है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। तुलसी माता को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। ऐसे में इस दिन तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली, प्यार और सुख-समृद्धि आती है। साथ ही अविवाहित कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है।
कर लें ये उपाय
तुलसी विवाह के दिन अविवाहित युवतियां अपने लिए अच्छे वर की कामना करते हुए व्रत रख सकती हैं। व्रत के दिन तुलसी के पौधे को पूजे। हो सके तो इस पौधे को हल्दी वाला दूध अर्पित करें। तुलसी मां को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं और फिर पौधे के पास एक दीया जला लें। इस तरह से इस उपाय को सच्चे मन से पूरा करें। इससे आपकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होंगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से गुरु और सूर्य के दोष खत्म होते हैं। ऐसे में विवाह के योग जल्दी बनते हैं।


















