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जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र कब?, लड्डू गोपाल को लगाएं इन चीजों का भोग

भाद्रपद मास की अष्टमी को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन 16 अगस्त को होगा। 16 अगस्त को रोहिणी नक्षत्र नहीं मिल रहा है, लेकिन यह अगले दिन मिल रहा है, इसलिए व्रत का पारण अगले दिन रोहिणी नक्षत्र में होगा। आपको बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, जो इस साल जन्माष्टमी के अगले दिन सुबह 4.38 मिनट से मिल रहा है, जो 18 अगस्त को सुबह 3.17 मिनट तक रहेगा। जन्माष्टमी के पावन पर्व पर राधा-कृष्ण का पूजन किया जायेगा। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और रात को चंद्रोदय के समय व्रत खोला जाता है। इस साल चंद्रोदय 11:17 बजे होगा। रात को मध्य रात्रि तक कान्हा जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जो भक्त रोहिणी नक्षत्र में जन्माष्टमी मनाते हैं, वे 16 अगस्त की रात पूजा करेंगे और व्रत का पारण 17 अगस्त को रोहिणी नक्षत्र समाप्त होने के बाद करेंगे। जन्माष्टमी का व्रत करने से हमारे सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। 2025 में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार 16 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। जन्माष्टमी पर इस साल वृद्धि और ध्रुव योग का संयोग भी मिल रहा है।

जन्माष्टमी पर कैसे करें श्रृंगार, क्या भोग लगाएं

जन्माष्टमी पर दिनभर व्रत रखकर रात में भगवान को माखन मिश्री व मिठाई व फल का भोग लगाएं। इस दिन कान्हा जी का श्रृंगार भी किया जाता है। घर और मंदिर को सजाते हैं। कृष्ण भगवान के लिए नए नए वस्त्र, झुला, बांसुरी कुंडल, मुकुट, श्याम तिलक, काजल, बाजू बन , पाजेब पहनाकर उनका श्रृंगार करते हैं और रात को झूला झुलाते हैं।

जन्माष्टमी पर राहुकाल सुबह 9:19 बजे से 10:55 तक रहेगा। इसके बाद यम गण्ड दोपहर 2:07 मिनट से 3:42 तक रहेगा।

अभिजीत मुहूर्त – 12:05 PM – 12:56 PM

अमृत काल – 02:21 AM – 03:52 AM

ब्रह्म मुहूर्त – 04:31 AM – 05:19 AM

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