
मुंबई . भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल माध्यम से कर्ज देने वाली इकाइयों को पहले से पैनल में शामिल अपने उन एजेंटों के बारे में खुलासा करने को कहा है, जो कर्ज नहीं लौटाने की स्थिति में कर्जदार से संपर्क कर सकते हैं. साथ ही कर्ज वसूली प्रक्रिया शुरू करने से पहले उसके बारे में ग्राहकों को भी सूचना देने को कहा है.
आरबीआई ने कर्ज के एवज में जरूरत से ज्यादा ब्याज वसूलने तथा गलत तरीके से कर्ज वसूली गतिविधियों पर लगाम लगाने के मकसद से पिछले वर्ष अगस्त में डिजिटल कर्ज को लेकर नियमों को कड़ा किया था. नए नियम के तहत जो भी कर्ज वितरित होंगे और उसे लौटाया जाएगा, उसके लिए जरूरी है कि वे कर्जदारों के बैंक खातों और विनियमित इकाइयों (बैंक और एनबीएफसी) के बीच होंगे. इसमें कर्ज सेवा प्रदाताओं (एलएसपी) के पूल खाते की कोई भूमिका नहीं होगी.
रिजर्व बैंक ने कहा कि एलएसपी के लिए शुल्क विनियमित इकाइयां देंगी, न कि कर्ज लेने वाला. कर्ज वसूली से जुड़े एजेंट के बारे में कहा गया हकि कर्ज मंजूरी के समय, कर्ज लेने वाले को पैनल में शामिल एजेंट के नाम दिए जा सकते हैं. उसके बारे में कर्जदार को पहले से ई-मेल या एसएमएस के जरिए सूचना देनी होगी.