छत्तीसगढ़

गाँधी जयंती सत्याग्रह 2.0 – वीगन पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने पशु अत्याचारों के विरुद्ध न्याय एवं अहिंसा की गुहार लगाई

वीगंस ऑफ़ छत्तीसगढ़ नामक पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के दल ने 153 वीं गांधी जयंती के सुअवसर पर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को श्रद्धांजलि के रूप में राज्य वासियों को अहिंसा का संदेश दिया. 

कार्यकर्ताओं के इस दल ने उन अरबों खरबों जानवरों की याद में 12 घंटे+ का अनशन किया जिन्हे सताया जाता है, शोषण किया जाता है और अनावश्यक मानव उपभोग हेतु स्वार्थी पूर्ण तरीके से निर्मम हत्या कर दी जाती है.

  • जानवर हमसे करे पुकार, बंद करो ये अत्याचार
  • हमारी पृथ्वी, उनकी भी
  • जीने का हक़ किसको है, इंसान जानवर सबको है
  • जन जन की है यही पुकार, पशु मुक्ति का हो विचार
  • जैसे नारे लगाए गए ताकि इस दल की मांगों को दर्शाया जा सके

जानवरों पर अत्याचार के विरोध में और नागरिकों को जागरूक करने के लिए वीगन कार्यकर्ता मरीन ड्राइव, रायपुर में एकत्र हुए. 15 से अधिक वीगन कार्यकर्ताओं ने लोगों को जानवरों के अत्याचार और गुलामी के बारे में जागरूक करने के लिए अपनी चिंता व्यक्त की. इस जागरूकता मार्च में यह संदेश दिया गया कि मनुष्य और पशु दोनों का शोषण से मुक्ति और आज़ादी पे समान अधिकार है. यह कार्यक्रम “वीगन्स ऑफ छत्तीसगढ़” द्वारा “वीगन इंडिया मूवमेंट” के सहयोग से आयोजित किया गया था. “वीगंस ऑफ़ छत्तीसगढ़” लोगों का एक समूह है जो छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में जानवरों के कल्याण के लिए जमीनी स्तर पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं का यह समूह जानवरों के प्रति दया दिखाने, जानवरों पर अत्याचार को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और लोगों को पशु अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए अक्सर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता है.

वीगन कार्यकर्ताओं का मानना है कि इस धरती पर जानवर और इंसान दोनों का समान अधिकार है और जानवर इस धरती पर इंसान के इस्तेमाल के लिए नहीं हैं. वे इस उद्देश्य के लिए सड़कों पर उतरने के लिए पर्याप्त रूप से दृढ़ हैं. दूसरे शब्दों में, वे वीगन वाद को बढ़ावा दे रहे हैं. वीगन वाद पशु कल्याण पर आधारित एक सामाजिक न्याय आंदोलन है जो भोजन, कपड़े, मनोरंजन या किसी अन्य उद्देश्य के लिए पशु उत्पादों का उपयोग नहीं करने पर जोर देता है. यह एक जीवन शैली है जो जानवरों को जानबूझकर नुकसान पहुंचने से बचाने की कोशिश करती है.

कार्यकर्ता बैनर और तख्तियां लिए हुए थे, जिसमें विभिन्न उद्योगों में जानवरों के साथ दुर्व्यवहार की तस्वीरें थीं और इसकी निंदा करने वाले संदेश भी थे. आयोजकों में से एक, आनंदिता दत्ता ने कहा कि अहिंसा के सबसे महान अभ्यासी गांधी जी को सम्मान देने का सबसे अच्छा तरीका यही है की मांस और डायरी और अन्य सभी पशु पोषण उद्योगों का समर्थन बंध किया जाए

आयोजकों में से एक, आत्मान कोठारी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि “हम यहां जानवरों के दुरुपयोग को समाप्त करने के लिए हैं और हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक सभी पिंजरे खाली नहीं हो जाते.” कार्यकर्ताओं में से एक, अंकिता टंडन ने कहा, बातचीत के दौरान लोगों के बीच वीगन जीवन शैली की जिज्ञासा की चिंगारी देखना आश्वस्त करने वाला था.

युवा कार्यकर्ता, ऋषभ वर्मा ने कहा, “प्रजातिवाद सभी प्रकार के भेदभाव की जड़ है, और इसे अब समाप्त करने की आवश्यकता है.” कार्यकर्ताओं ने भीड़ के साथ बातचीत की और समझाया कि वीगन जीवन शैली क्यों महत्वपूर्ण है, लोगों की शंकाओं का जवाब दिया, लोगों को क्रूरता मुक्त होने और वीगन विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित किया.

उन्होंने यह भी बताया कि कैसे डेयरी, अंडा, मांस और अन्य पशु उद्योग मादा पशुओं के शारीरिक और यौन शोषण पर आधारित हैं.

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