राष्ट्रीय

गुजारे भत्ते में 55 हजार के सिक्के देगा पति, पत्नी ने कहा- ये मानसिक प्रताड़ना

Jaipur Court: एक हैरान करने वाले मामले में, जयपुर की एक अदालत ने एक शख्स को उसकी पत्नी को 11 महीने के भरण-पोषण के बकाए के रूप में एकमुश्त 55,000 रुपये एक और दो रुपये के सिक्कों के रूप में देने की अनुमति दी. दोनों पक्षों के वकीलों के अनुसार, शख्स की पत्नी के वकील ने इसे मानसिक उत्पीड़न करार देते हुए इसका विरोध किया. न्यायाधीश ने भुगतान की अनुमति दी, लेकिन उस व्यक्ति को अदालत में सिक्कों की गिनती करने के लिए प्रत्येक 1000 रुपये के पैकेट बनाने और उन्हें अगली सुनवाई पर सौंपने के लिए कहा.

क्या है पूरा मामला?

दोनों के तलाक के मामले की सुनवाई फैमिली कोर्ट में चल रही है. कोर्ट ने पति दशरथ कुमावत को 5000 रुपये प्रति माह गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया था लेकिन वह पिछले 11 महीने से इसे नहीं दे रहा था. जयपुर के हरमाड़ा इलाके के रहने वाले दशरथ को 17 जून को गुजारा भत्ता न देने के आरोप में फैमिली कोर्ट नंबर 1 द्वारा रिकवरी वारंट जारी करने के बाद गिरफ्तार किया गया था.

पति ने रकम देने से मना कर दिया तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. अवकाश के कारण फैमिली कोर्ट बंद था, इसलिए उसे अपर जिला जज (एडीजी)-नंबर 8 के लिंक कोर्ट में पेश किया गया. दशरथ के वकील रमन गुप्ता ने कहा कि दशरथ का परिवार 55 हजार रुपये लेकर कोर्ट में पहुंचा.

उन्होंने कहा कि सिक्के एक रुपये और दो रुपये के थे और सात बोरियों में भरे हुए थे. इस पर उसकी पत्नी के अधिवक्ता ने आपत्ति जताई, लेकिन पति की ओर से दलील दी गई कि ये सिक्के वैध मुद्रा हैं और इन्हें लेने से कोई मना नहीं कर सकता.

इसके बाद कोर्ट ने 26 जून को फैमिली कोर्ट में अगली सुनवाई पर पति को सिक्के गिनने के बाद देने की इजाजत दे दी. तब तक सिक्के कोर्ट के पास ही रहेंगे. कोर्ट में पत्नी को सौंपने से पहले पति को सिक्के गिनने होंगे और एक-एक हजार रुपये के पैकेट बनाने होंगे. पत्नी सीमा कुमावत के वकील रामप्रकाश कुमावत ने कहा कि महिला को सिक्के देना मानसिक प्रताड़ना के बराबर है.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button