सरकार इस साल प्याज का बफर स्टॉक तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख टन करेगी. इसके लिए दो लाख टन अतिरिक्त प्याज की खरीद करेगी और खुदरा बिक्री में इसका उपयोग किया जाएगा. सरकार ने रविवार को यह घोषणा की.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि प्याज की आपूर्ति को नियंत्रित करने और इसकी कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए यह फैसला लिया गया है. चालू वित्त वर्ष के लिए प्याज के बफर स्टॉक के लिए लक्ष्य तीन लाख टन रखा गया था, जो हासिल कर लिया गया है. फिलहाल इस स्टॉक को चुनिंदा राज्यों के लक्षित बाजारों में स्थानीय आपूर्ति सुधारने और दाम पर काबू पाने के लिए खपाया जा रहा है.
देशभर में दाम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, प्याज की देशभर में खुदरा कीमत रविवार को सालाना आधार पर 19 प्रतिशत बढ़कर 29.73 रुपये प्रति किलोग्राम थी. बीते वित्त वर्ष इसी दिन यह 25 रुपये प्रति किलोग्राम थी.
बढ़ाया गया निर्यात शुल्क सरकार ने कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए शनिवार को प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया था. प्याज पर 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर यह निर्यात शुल्क जारी रहेगा.
निर्यात शुल्क के विरोध में थोक बिक्री रोकी
प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने के केंद्र के फैसले के विरोध में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में किसानों ने रविवार को प्याज की बिक्री रोक दी. उनका कहना है कि महाराष्ट्र में किसान प्याज के निर्यात से अच्छे लाभ की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन लगाए गए शुल्क से अब यह संभव नहीं होगा. किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए राज्यभर के थोक बाजारों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.