डोंगरगढ़:बिना आदेश तोड़ दिया पक्का मकान, बेघर कर दिया

डोंगरगढ़. धर्मनगरी के वार्ड 8 में आबादी भूमि पर बने एक मकान को तोड़कर नगर पालिका ने उसे बेघरकर दिया. पीड़ित का कहना है कि मकान न तोड़ने के लिए उससे पालिका के जिमेदार कर्मचारियों के द्वारा पैसे की मांग की गई थी.
पूरे पैसे न देने पर उसने जबरन मकान को तोड़वा दिया. जबकि जिस स्थान पर उसका मकान बना था. वहीं कई और लोगों ने मकान बनाकर उसे विक्रय तक कर दिया है. परन्तु आज तक पालिका ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. पीड़ित बधियाटोला निवासी प्रकाश यादव ने बताया कि आबादी भूमि पर कुछ माह पहले आवास निर्माण कया गया था. मकान बनाने से पूर्व पालिका को जानकारी भी दी थी. इसके बाद निर्माण किया.
पालिका के जिमेदार को पैसा नहीं पहुंचाया तो उसके इशारे पर मेरा मकान को तोड़ दिया. उन्होंने चर्चा में बताया की इस वार्ड में कई लोगों ने शासकीय जमीन को घेरकर उसमें मकान बनाकर रखे हुए हैं. उनके ऊपर पालिका की कोई कार्रवाई नहीं हुई. तो मेरे ऊपर क्यों? बताया कि वार्ड में पालिका के जिमेदारों की बदौलत कई सरकारी जमीनों में कब्जा कर कई लोग उस जमीन का अवैध रूप से खरीदी-बिक्री कर रहे हैं. उन पर प्रशासन की कोई कार्रवाई नजर नहीं आती.
उन्होंने अपने वार्ड के पार्षद पति जयश सहारे पर पैसे मांगने का आरोप लगाया जो नगरपालिका में प्लेसमेंट के कर्मचारी हैं. उन्होंने बताया कि सारा षड़यंत्र उन्हीं का रचा हुआ है.
इस संबंध में डोंगरगढ़ तहसीलदार मुकेश ठाकुर ने कहा कि विभाग से मकान तोड़ने से संबंधित कोई आदेश जारी नहीं हुआ है. मकान कैसे तोड़ा गया? यह जांच के विषय है. नगर पालिका के तत्कालीन सीएमओ कुलदीप झा की माने तो वार्ड में अस्पताल निर्माण प्रस्तावित था, जिसकी जानकारी उन्हें पार्षद पति जयेश सहारे ने दी थी.
निर्माण के लिए जर्जर हो चुके पटवारी भवन को तोड़ने एसडीएम से केवल चर्चा हुई थी. इसके बाद जयेश सहारे द्वारा पटवारी भवन को तोड़े जाने की जानकारी उन्हें मिली है. नगर पालिका के जेसीबी का उपयोग कर प्रकाश यादव के मकान को भी तोड़ने की जानकारी उन्हें बाद में मिली. नगर पालिका द्वारा इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं हुआ था.