धर्म एवं साहित्यज्योतिष

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बदरीनाथ धाम के कपाट खुले

श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट रविवार को सुबह छह बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. इस दौरान बदरीपुरी जय बदरी विशाल के जयकारों से गूंज उठी. कपाट खुलने के मौके पर बदरीनाथ मंदिर को लगभग 20 कुंतल फूलों से सजाया गया था. हल्की बारिश के बीच सेना के बैंड और ढोल दमाऊं की धुन पूरे परिसर में गूंज रही थी.

घृत कंबल हटाया गया

कपाट खुलते ही सबसे पहले शीतकाल में घृत कंबल ओढ़े भगवान बदरी विशाल के दिव्य दर्शन रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने किए. गर्भगृह में भगवान बदरीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सबके लिए मंगल की कामना की. कपाट खुलने पर मां लक्ष्मी के पवित्र विग्रह को बदरीनाथ मंदिर के परिक्रमा परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर में विराजमान किया गया.

नीलकंठ पर्वत पर हिमपात

बदरीनाथ के कपाट खुलने के अवसर पर सुबह नीलकंठ पर्वत और नर नारायण पर्वत पर हल्का हिमपात हुआ. वर्षा और हिमपात के कारण बदरीनाथ में ठंड बढ़ गई है. श्रद्धालुओं की आस्था पर विपरीत मौसम का कोई असर नहीं दिखाई दिया. श्रद्धालु हल्की बारिश में भी छोटे बच्चों को गोद में उठाये माता पिता, बुजुर्ग दर्शन के लिए अपनी बारी के लिए डटे दिखे.

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