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एनपीपीए ने 11 दवाओं के दाम बढ़ाने को दी मंजूरी

राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 11 दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी की मंजूरी दे दी है. ये दवाइयां अस्थमा, टीबी, ग्लूकोमा थैलेसीमिया और मानसिक स्वास्थ्य विकारों जैसी बीमारियों के उपचार में काम आती हैं.

एनपीपीए ने बताया कि इन कम लागत वाली दवाओं में 50 फीसदी की वृद्धि को मंजूरी दी गई है. इसका मकसद सार्वजनिक स्वास्थ्य जरूरतों के लिए दवाओं की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करना है.

दरअसल, नई कीमतें तय करने के बारे में प्राधिकरण को कई कंपनियों से आवेदन मिले थे. इसके बाद इन 11 शेड्यूल फॉर्मूलेशन की कीमतों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई. बता दें, वर्ष 2019 और 2021 में भी 21 और 9 जरूरी दवाइयों में अधिकतम कीमतों में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी.

इस आधार पर लिया निर्णय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, यह निर्णय 8 अक्तूबर को प्राधिकरण की बैठक के दौरान औषधि (मूल्य नियंत्रण ) आदेश, 2013 के तहत दी गई असाधारण शक्तियों का उपयोग करते हुए किया गया. इसका उद्देश्य सस्ती दवा उपलब्ध कराने के जनादेश से समझौता किए बिना इन दवाओं के निर्माण की वित्तीय व्यवहार्यता को बनाए रखना है.

शेड्यूल्ड ड्रग्स क्या है ऐसी दवाएं जिनके लिए डॉक्टर के पर्चा (प्रिस्क्रिप्शन) की जरूरत होती है और इन्हें काउंटर पर नहीं खरीदा जा सकता. भारत में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स रूल्स, 1945 के तहत दवाओं को अलग-अलग अनुसूचियों में बांटा गया है.

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