चर्चाओं और अटकलों के लंबे दौर के बाद देवेंद्र फडणवीस का नाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए फाइनल हो गया है. खबरें हैं कि बुधवार को हुई कमेटी की बैठक में भारतीय जनता पार्टी ने फडणवीस को विधायक दल का नेता चुन लिया है. संभावनाएं जताई जा रही हैं कि गुरुवार को शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है. खास बात है कि साल 2019 की एक वीडियो क्लिप 2024 चुनाव के दौरान वायरल हुई थी, जिसमें फडणवीस कह रहे थे कि वह ‘समंदर हैं’ और ‘लौटकर वापस आएंगे.’
चंद्रकांत पाटिल ने सबसे पहले फडणवीस के नाम का प्रस्ताव रखा था. इसके बाद सुधीर मुनगंटीवार, पंकजा मुंडे समेत अन्य विधायकों ने नाम को आगे बढ़ाया.
फडणवीस के नाम के पहले ही थे संकेत
भाजपा की तरफ से महाराष्ट्र में केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाए गए विजय रूपाणी ने पहले ही फडणवीस के नाम के संकेत दे दिए थे. रूपाणी ने सोमवार को कहा था, ‘मुझे लगता है कि महाराष्ट्र को इस बार भाजपा का मुख्यमंत्री मिलेगा क्योंकि (निवर्तमान मुख्यमंत्री) एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पार्टी के उम्मीदवार (शीर्ष पद के लिए) का समर्थन करेंगे.’ रूपाणी के साथ भाजपा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी जिम्मेदारी सौंपी थी.
इससे पहले राकंपा चीफ अजित पवार ने भी कहा था कि सीएम पद भाजपा के पास जाएगा और डिप्टी सीएम शिवसेना और राकंपा से बनेंगे.
एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा था, ‘मुझे लगता है कि कल होने जा रही बैठक में भाजपा के पर्यवेक्षक सभी विधायकों को सुनेंगे और कल देवेंद्र फडणवीस के नाम का ऐलान हो जाएगा…. एकनाथ शिंदे को कोई परेशानी नहीं है, उन्होंने पहले ही ऐलान कर दिया है कि वह सीएम पद की रेस में नहीं हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘भाजपा आलाकमान ने पहले ही उन्हें बता दिया है कि वह सीएम नहीं बनेंगे. उनके पास महायुति का अध्यक्ष बनने या केंद्रीय मंत्री बनने का विकल्प है, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं हैं. वह बहुत नर्वस हैं….’
शिंदे के CM बनने की चर्चा
जून-जुलाई 2022 में शिवसेना के टूटने के बाद भाजपा ने शिंदे की मदद से सरकार बना ली थी. तब उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महाविकास अघाड़ी सरकार गिरने के बाद 100 से ज्यादा विधायक होने के बाद भी भाजपा ने सीएम पद पर शिंदे को काबिज किया था. अब 2024 विधानसभा चुनाव में महायुति की बंपर जीत के बाद फिर शिंदे को राज्य का शीर्ष पद दिए जाने की चर्चाएं होने लगी थीं.
कैसे माने शिंदे
मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी चर्चाओं के बीच फडणवीस मंगलवार शाम शिंदे से मिलने उनके आवास वर्षा पहुंचे थे. खबरें हैं कि दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत चली. इससे पहले शिवसेना प्रमुख को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने के चलते ठाणे स्थित जुपिटर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह शुक्रवार को भी गांव चले गए थे और तबियत खराब होने की बात कही थी.
हालांकि, शिंदे लंबे समय से कह रहे थे कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तरफ से लिए जाने वाले फैसले का समर्थन करेंगे. उन्होंने महायुति के दलों में मतभेद होने की बात से भी इनकार कर दिया थआ. उनके बेटे श्रीकांत शिंदे को भी डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चाएं थीं, लेकिन उन्होंने खुद ही इससे इनकार कर दिया था.
फडणवीस की सटीक साबित हुई भविष्यवाणी
साल 2019 विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा और अविभाजित शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर तनाव हुआ था और गठबंधन टूट गया था. तब उद्धव ठाकरे ने महाविकास अघाड़ी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. उस दौरान नेता प्रतिपक्ष बने फडणवीस ने कहा था, ‘मैं वापस यहीं लौटूंगा.’ उन्होंने कहा था, ‘मेरा पानी उतरता देख किनारे पर घर मत बना लेना, मैं समंदर हूं, लौट कर वापस आऊंगा.’
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे
23 नवंबर को घोषित हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति ने बड़ी जीत हासिल की थी. गठबंधन ने राज्य की 288 में से 230 सीटें अपने नाम की थीं. भाजपा 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. जबकि, शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिली थीं.