
दुर्गम इलाकों में सामान पहुंचाने के लिए सेना अभी तक खच्चरों का इस्तेमाल करती थी, लेकिन अब इसके लिए उसने रोबोटिक खच्चरों की सेवा लेनी आरंभ कर दी है. सेना में रोबोटिक खच्चरों की टीम शामिल हो चुकी है. सेना को मिले ये रोबोटिक खच्चर इतने समझदार हैं कि अब सेना हथियारों को पहुंचाने और जासूसी के लिए भी इनके इस्तेमाल की संभावनाएं तलाश रही हैं.
सेना के सूत्रों ने कहा कि रोबोटिक खच्चरों को खतरे वाले मिशनों में जवानों की जगह भी तैनात करना संभव होगा. इसलिए ये खच्चर सिर्फ बोझा ढोने तक सीमित नहीं रहेंगे. सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ऊंचे इलाकों लद्दाख में रोबोटिक खच्चरों के परीक्षण हुए हैं, जिसके नतीजे शानदार रहे हैं.
इसके साथ ही राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में सफलतापूर्वक अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं. ये खच्चर 100 किग्रा से ज्यादा वजन ले जा सकते हैं तथा पानी, बर्फ में आसानी से चलते हैं. एक घंटे में 10 किमी से भी ज्यादा की दूरी तय करते हैं. इनकी बैटरी बेहद शक्तिशाली है, जिससे ये 20 घंटे चल सकते हैं. सेना के सूत्रों के अनुसार, सबसे बड़ी चुनौती तब होती है जब दुर्गम स्थानों में हथियार पहुंचाने होते हैं. हथियारों को हेलीकॉप्टर से गिराने में भी खतरा होता है. क्योंकि कई प्रकार के गोला-बारुद में विस्फोट होने का खतरा रहता है. ऐसे में दुर्गम स्थानों पर हथियार पहुंचाने में इनका बेहतर इस्तेमाल हो सकता है. दूसरे, इन्हें अत्याधुनिक उपकरणों से लैस करके निगरानी एवं जासूसी के कार्य में भी लगाया जा सकता है. सीमावर्ती इलाकों में खतरे वाले मिशनों में इनकी तैनाती महत्वपूर्ण हो सकती है. यह स्वायत्त वाहन हैं, जिन्हें दूर से नियंत्रित किया जा सकता है.
सेना ने पूर्वी लद्दाख की जरूरतों के मद्देनजर एक निजी कंपनी एयरो आर्क से 100 ऐसे रोबोटिक खच्चरों की खरीद की है जिनमें से काफी की आपूर्ति हो चुकी है जबकि शेष इस साल मिलेंगे. सेना ने विगत 16 जनवरी को पुणे में आयोजित सेना दिवस परेड में इनका प्रदर्शन भी किया था. रोबोटिक खच्चर-40 डिग्री और 50 डिग्री तापमान पर भी कार्य कर सकता है. यह बर्फ या पानी में आराम से चलता है. इसे ट्रैक किया जा सकता है. सेना के अनुसार, आधुनिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण है. यह रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया का बेहतरीन उदाहरण है.
सेना अत्याधुनिक उपकरणों से लैस करके सीमावर्ती इलाकों में होने वाले मिशनों में लगाएगी, इन्हें दूर से नियंत्रित किया जा सकेगा