
कांग्रेस आज नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन करेगी. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी कांग्रेस कार्यकर्ता आज दोपहर 12 बजे ईडी कार्यालय के बाहर एकत्रित होंगे. इस प्रदर्शन की तैयारियां जोर-शोर से पूरी की गई हैं.
पार्टी ने जिला, नगर और ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं. कार्यकर्ताओं को रायपुर के ईडी दफ्तर या अपने जिला मुख्यालयों में केंद्र सरकार के अधीनस्थ कार्यालयों के बाहर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कहा गया है. इस आंदोलन में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, विधायक, पूर्व विधायक, सांसद, महिला कांग्रेस, विभिन्न मोर्चों और प्रकोष्ठों के प्रतिनिधि, संगठन और प्रचार विभाग के सदस्य हिस्सा लेंगे.
कांग्रेस ने इस प्रदर्शन को लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है. पार्टी का कहना है कि यह आंदोलन न केवल ईडी की कार्रवाई के खिलाफ है, बल्कि केंद्र सरकार की कथित तानाशाही नीतियों के खिलाफ भी एकजुटता का प्रतीक है.
प्रदर्शन से पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्र सरकार और ईडी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की देशभर में बढ़ती सक्रियता, AICC अधिवेशन के फैसलों और इंडिया अलायंस की एकजुटता से केंद्र सरकार बौखला गई है. सिंहदेव ने कहा, “ईडी और सीबीआई जैसी संस्थाएं अपनी मर्यादाएं भूलकर राजनीतिक दबाव बनाने का काम कर रही हैं. सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना कांग्रेस को कमजोर करने की साजिश है, लेकिन कांग्रेस न कभी झुकी है और न ही झुकेगी. देश की जनता हमारे साथ है.”
मंगलवार को ईडी ने नेशनल हेराल्ड और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की थी. इस चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल हैं. मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में होगी. कोर्ट ने ईडी से केस डायरी भी तलब की है.
यह मामला भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की 2012 में दायर शिकायत से शुरू हुआ था. इसके अलावा, 12 अप्रैल को ईडी ने दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में 661 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की. साथ ही, रॉबर्ट वाड्रा से गुरुग्राम के एक जमीन सौदे से जुड़े मामले में पूछताछ भी की गई.
कांग्रेस का कहना है कि यह कार्रवाइयां राजनीति से प्रेरित हैं और इसका मकसद विपक्षी नेताओं को निशाना बनाना है. पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से इस प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की है ताकि केंद्र सरकार को यह संदेश दिया जा सके कि कांग्रेस और उसका नेतृत्व किसी भी दबाव में नहीं आएगा.