
देश के टोल बूथ को लेकर सरकार एक बड़ा बदलाव करने वाली है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि देश के राजमार्गों पर टोल पेमेंट का तरीका बदलने वाला है. केंद्र अगले 15 दिनों के अंदर एक नई टोल पॉलिसी पेश करने वाली है. यानी मई से ये पॉलिसी लागू हो सकती है. हालांकि, गडकरी ने अभी इसके बारे में ज्यादा डिटेल नहीं बताई. उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि एक बार नई पॉलिसी लागू होने के बाद टोल के बारे में किसी को शिकायत करने का मौका नहीं मिलेगा. इस नए सिस्टम से FASTag का काम भी खत्म हो जाएगा.
गडकरी ने कहा कि नए सिस्टम के लिए फिजिकल Toll बूथ की आवश्यकता नहीं होगी. इसके बजाय, सैटेलाइट ट्रैकिंग और व्हीकल नंबर प्लेट पहचान का उपयोग करके बैंक खातों से टोल ऑटोमैटिक ही पेमेंट कट जाएगा. उन्होंने इवेंट के दौरान कहा कि लंबे समय से लंबित मुंबई-गोवा हाईवे पर भी अपडेट दिया. उन्होंने कहा कि यह परियोजना इस साल जून तक पूरी तरह से लागू हो जाएगी. मुंबई-गोवा हाईवे को लेकर कई कठिनाइयां थीं, लेकिन चिंता न करें हम इस जून तक सड़क का 100% काम पूरा कर लेंगे.
एक बार हाईवे पूरा हो जाने पर, यात्रा का समय कम हो जाएगा और कोंकण क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा. गडकरी ने स्वीकार किया कि भूमि विवाद, कानूनी चुनौतियों और आंतरिक पारिवारिक झगड़ों के कारण परियोजना में कई सालों तक देरी हुई. उन्होंने बताया कि भाइयों के बीच झगड़े थे, अदालतों में मामले थे और भूमि के लिए मुआवजा देने में अंतहीन जटिलताएं थीं. लेकिन अब वे मुद्दे सुलझ गए हैं और मुंबई-गोवा राजमार्ग पर काम ने गति पकड़ ली है.
गडकरी ने यह भी कहा कि उन्हें भारत के सड़क बुनियादी ढांचे के फ्यूचर को लेकर पूरा भरोसा है. अगले दो सालों में भारत का सड़क बुनियादी ढांचा अमेरिका से बेहतर होगा. उन्होंने ये भी बताया कि दिल्ली-जयपुर और मुंबई-गोवा जैसे कुछ राजमार्ग अभी भी गंभीर मुद्दों का सामना कर रहे हैं. गडकरी ने बताया कि दिल्ली-जयपुर और मुंबई-गोवा (हाईवे) हमारे विभाग के ब्लैक स्पॉट में से हैं. इनके साथ कई कठिनाइयां आती हैं. अगर वो कोंकण के बारे में सच बोलें तो लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे.
क्या है नया GPS टोलिंग सिस्टम?
देश में सड़कों के निर्माण के साथ टोल बूथ की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. ऐसे में सरकार बूथों को समाप्त करने GPS बेस्ड टोलिंग सिस्टम को बढ़ावा देने के फास्टैग सिस्मट को रिप्लेस करने वाली है. टोल बूथ का निर्माण से इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉस्ट बढ़ जाती है. इससे टोल कलेक्शन की लागत में भी बढ़ोतरी होती है. इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए सरकार नया टोलिंग सिस्टम लाने वाली है. इस सिस्टम में GPS की मदद से सीधे ड्राइवर या व्हीकल ओनर के बैंक अकाउंट से टोल की राशि काटी जाएगी. व्हीकल की निगरानी GPS के माध्यम से होगी. तय किए गए मार्जिन और समय के आधार पर टोल की राशि कैलकुलेट की जाएगी.