शनि की साढ़ेसाती से हैं परेशान तो ये उपाय
साढ़ेसाती शनि की वह अशुभ दशा है जब वह जातक को अपने जीवन में तमाम प्रकार के कष्ट भोगने पड़ते हैं. शनि की अशुभ दशा में जातकों की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हो जाती है. घर परिवार में क्लेश रहता है और करियर भी समस्याओं से घिर जाता है. आइए आपको बताते हैं कि क्या होती है शनि की साढ़ेसाती और किन उपायों से आप पा सकते हैं राहत.
क्या होती है साढ़ेसाती
ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के बारहवें, पहले, दूसरे और जन्म के चंद्रमा के ऊपर से शनि ग्रह गुजरता है, तो इसे शनि की साढ़े साती कहा जाता है. साढ़े साती के पहले चरण में व्यक्ति की आर्थिक स्थिति कमजोर पड़ती है, दूसरे चरण में पारिवारिक जीवन और तीसरे चरण में स्वास्थ्य सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. इसकी अवधि साढ़े 7 साल की मानी जाती है. माना जाता है कि शनि को एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में ढाई साल का समय लगता है. गोचर के दौरान शनि किसी व्यक्ति की जन्म राशि या फिर नाम राशि में स्थित होता है. इसका असर उस राशि पर, उससे अगली राशि पर और 12 स्थान की राशि पर पड़ता है. इस स्थिति को ही शनि की साढ़ेसाती कहा जाता है.
साढ़ेसाती से बचने के उपाय
अगर आप शनि की साढ़ेसाती से परेशान हैं तो आपको शनिवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने चाहिए. ऐसी मान्यता है कि शनिवार के दिन ये उपाय करने से आपको विशेष तौर पर राहत मिलती है. देखते हैं कौन-कौन से हैं ये उपाय.
शनिवार को काले तिल बहते हुए जल में प्रवाहित करें.
शनिवार को किसी जरूरतमंद को काले जूतों का दान करें.
शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और शमी के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं.
शनिवार को शाम के वक्त सुंदर कांड का पाठ करें और हनुमानजी का भोग लगाएं तो शनि की दशा में राहत मिलती है.
शनिवार को जरूरतमंद लोगों को वस्त्रों का दान करना चाहिए. इसके साथ ही शनि स्त्रोत का पाठ करें तो आपको शनि की दशा में लाभ होगा.
कम से कम 11 शनिवार को शनि मंदिर में काला छाता दान करें.
शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए आप शनिवार को व्रत भी कर सकते हैं. शनिदेव की पूजा करें और काली उड़द की दाल, काले वस्त्र, सरसों का तेल, लोहे की वस्तु और काला धागा दान करें.