केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को कहा कि सरकार और न्यायपालिका एक टीम की तरह मिलकर काम कर रहे हैं. लेकिन, कुछ लोग ऐसा दिखाने की कोशिश में लगे हैं कि दोनों के बीच कोई विवाद या गलतफहमी है.
रिजिजू ने एक कार्यक्रम में कहा कि वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे कि देश में लोकतंत्र खतरे में है. उनके बयान में कुछ ठोस नहीं होता. इसलिए इस पर किसी तरह की प्रतिक्रिया की जरूरत नहीं है. केंद्रीय मंत्री ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि सरकार विपक्ष पर निशाना साधने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग कर रही है. उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, यह सही नहीं है. भाजपा में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाता, इसलिए पूर्वाग्रह का कोई सवाल नहीं है. भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति मोदी सरकार का मंत्र है.
न्यायिक निर्णयों पर टिप्पणी नहीं मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्त के चयन के लिए एक समिति बनाने के उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले पर रिजिजू ने कहा कि एक मंत्री के रूप में उन्हें न्यायिक निर्णयों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा, अगर मुझे लगता है कि अतिक्रमण हो रहा है, तो मैं उचित मंच पर उठाऊंगा या उचित कार्रवाई करूंगा.