रायपुर . टेंडर पास करने के एवज में 11600 रुपए की रिश्वत लेने वाले रेलवे के निलंबित अधिकारी को 4 वर्ष की कैद और 10000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई है. सीबीआई के वरिष्ठ लोक अभियोजक रजत श्रीवास्तव ने बताया कि बिलासपुर स्थित वरिष्ठ डिवीजनल फाइनेंस मैनेजर कार्यालय में सहायक डिवीजनल फाइनेंस मैनेजर पदस्थ थे. उनके पास रेलवे ठेकेदार ने 23 लाख 30776 रुपए के बिल का भुगतान करने आवेदन जमा किया था. लेकिन इसे पास करने के एवज में सहायक डिवीजनल फाइनेंस मैनेजर ने 11600 रुपए की रिश्वत मांगी. इसकी लिखित शिकायत ठेकेदार ने भिलाई स्थित सीबीआई कार्यालय में कराई. साथ ही बताया कि उसे बिलासपुर रेलवे स्टेशन का विस्तार और तिरछे खंबे(लीन मास्ट) को ठीक करने की जिम्मेदारी मिली थी. काम पूरा करने के बाद उसने बिल जमा करने पर इसका भुगतान करने के लिए रिश्वत मांगी गई है. ठेकेदार के शिकायती आवेदन की जांच करने के बाद सीबीआई ने आरोपी अधिकारी को रंगे हाथों पकडऩे की योजना बनाई.
उसे 11600 रुपए देकर रेलवे के सहायक डिवीजनल फाइनेंस मैनेजर के दफ्तर में 13 मई 2016 को दफ्तर में भेजा. रिश्वत की रकम लेते ही आरोपी अधिकारी को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया. आरोपी के पकड़े जाने के बाद आरोपी अधिकारी को रेलवे ने निलंबित कर दिया गया था.
वहीं सीबीआई ने पूरे मामले की जांच करने के बाद 8 जुलाई 2016 को चालान पेश किया. कोर्ट में इसकी सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 13 गवाह पेश किए गए. सीबीआई की विशेष न्यायाधीश ममता पटेल ने सीबीआई की केस डायरी और गवाहों के बयान के आधार पर फैसला सुनाया.