आज अंतरराष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस है. तंबाकू के सेवन से दुनिया भर में हर साल 80 लाख से अधिक लोग मारे जाते हैं. लेकिन इसके बावजूद तंबाकू का इस्तेमाल बंद नहीं किया जा सका है. इतना ही नहीं, तंबाकू सिर्फ लोगों की जान तो ले ही रहा है यह खेती योग्य जमीनों को बंजर भी बना रहा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल दुनियाभर में 35 लाख हेक्टेयर जमीन पर तंबाकू उगाई जाती है. तम्बाकू उगाने के लिए एक साल में 2 लाख हेक्टेयर वनों की कटाई कर दी जाती है.
यह समझना बहुत जरूरी है कि आखिर तम्बाकू उद्योग इतना बड़ा खतरा होने पर भी दुनिया में अच्छे से कायम कैसे है. तम्बाकू का सेवन या धूम्रपान व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक दोनों सेहत पर बहुत ज्यादा नुकसानदेह होता है. जहां धूम्रपान फेफड़ों और दिमागी सेहत को बहुत नुकसान पहुंचता है. वहीं तम्बाकू का सीधा सेवल मुंह, गले के कैंसर और अन्य घातक बीमारी का कारण बनता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन इस साल अभियान चलाएगा जिसमें तम्बाकू के वैकल्पिक फसल उत्पादन और तम्बाकू की पैदावार में लगे किसानों को अन्य मार्केटिंग अवलसरों के प्रति जागरूकता फैलाने के साथ उन्हें पोषक और संधारणीय फसलों की ओर प्रेरित करने का प्रयास किया जाएगा. इसकी जगह खाद्य असुरक्षा से निपटने के लिए ध्यान देने पर जोर दिया जाएगा
इस साल की थीम भोजन की आवश्यकता तंबाकू की नहीं
डब्लूएचओ की ओर से इस साल की थीम हमें भोजन की आवश्यकता, तंबाकू की नहीं रखी गई है. डब्लूएचओ का उद्देश्य तंबाकू किसानों के लिए वैकल्पिक फसल उत्पादन के मौकों के बारे में जागरूकता पैदा करना है. तम्बाकू उत्पादन के लिए कीटनाशकों और उर्वरकों का भारी मात्रा में उपयोग होता है,जिससे मिट्टी को नुकसान पहुंचता है. डब्लूएचओ के अनुसार तंबाकू उगाने के लिए उपयोग की जाने वाली भूमि में अन्य फसलों तथा अनाज को उगाने की क्षमता कम हो जाती है.
परिवार में कितने लोग तंबाकू का सेवन करते हैं
कोई भी नही 81%
1 व्यक्ति 10%
2-3 व्यक्ति 4%
4 से अधिक 3%
लोकल सर्कल्स की ओर से किए गए सर्वे के अनुसार