आंख और दिल का मरीज बनाने वाली डायबिटीज डिप्रेशन (अवसाद) का भी शिकार बना रही है. सामान्य की अपेक्षा ऐसे रोगियों में ज्यादा चिंता और विकार पाया गया है. कोरोना काल के बाद हुए अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है.
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन और मनोचिकित्सा विभाग ने संयुक्त रूप से रिसर्च किया है. डेढ़ साल तक चले शोध में दो साल से ज्यादा समय वाले डायबिटीज रोगियों को लिया गया, जिनकी उम्र 20 से 60 साल रही.
अध्ययन के तहत हर दूसरा डायबिटीज मरीज अवसाद की जद में मिला है. चिंताजनक है कि शुगर की बीमारी से ग्रसित महिलाएं पुरुषों की तुलना में ऐसे विकारों की चपेट में ज्यादा हैं. मेडिकल कॉलेज की एथिक्स कमेटी से मंजूरी के बाद रिसर्च किया गया, जिसमें डायबिटीज से ग्रसित 91 पुरुष और 54 महिलाओं को लिया गया.