देश में पहली बार किसी लाइमस्टोन ब्लाक के लिए 200 प्रतिशत की अधिकतम बोली लगाई गई है. खनिज विभाग द्वारा जिला बलौदाबाजार स्थित देवरी एवं सलोनी तथा जिला बेमेतरा दुर्ग स्थित करेली चंडी लाईमस्टोन ब्लॉक्स को ई-नीलामी के माध्यम से कंपोजिट लायसेंस के रूप में आबंटन किया गया है.
खनिज संचालनालय के संयुक्त संचालक एवं आक्शन अधिकारी नोडल अनुराग दीवान ने बताया कि देवरी एवं करेली चंडी लाईमस्टोन ब्लाक्स हेतु मेसर्स रूंगटा सन्स प्राईवेट लिमिटेड द्वारा क्रमशः 141.05 प्रतिशत तथा 127.75 प्रतिशत की अधिकतम बोली लगाई गई. इसी प्रकार सलोनी लाईमस्टोन ब्लॉक हेतु मेसर्स स्टार सीमेंट मेघालय लि. द्वारा 200.00 प्रतिशत की अधिकतम बोली (फायनल प्राईस ऑफर) लगाई गई. उक्त तीनों ब्लॉक्स को जीएसआई द्वारा जी-4 लेवल पर अन्वेषण किया गया था. ई-नीलामी पध्दति से खानों का आबंटन पारदर्शिता एवं राज्य शासन को राजस्व में भागीदारी के उद्देश्य से अत्यंत महत्वपूर्ण व्यवस्था की गई है.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में खनिज अधिनियम में उपर्युक्त व्यवस्था हेतु किये गये संशोधन उपरांत छत्तीसगढ़ खनिज विभाग द्वारा अब तक इस प्रकार से चूनापत्थर, बाक्साईट, लौह अयस्क स्वर्णधातु, ग्रेफाईट एवं निकल, क्रोमियम एवं पीजीई के कुल 33 खनिज ब्लॉकों का सफलतापूर्वक आबंटन किया जा चुका है. इनसे आने वाले वर्षों में रायल्टी, डीएमएफ, पर्यावरण एवं अधोसंरचना उपकर के अतिरिक्त लगभग 1 लाख करोड़ से अधिक की अतिरिक्त आय राज्य शासन को होगी.