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साल के अंतिम दिनों में हम चाहे-अनचाहे कुछ अहसासों से भर उठते हैं. क्या हासिल किया, क्या खोया और क्या चाहकर भी न कर सके… अकसर लगता है कि भागदौड़ ही करते रह गए, अपने लिए कुछ किया ही नहीं. ऐसा है तो चलिए, कुछ देर के लिए अपनी आशा, निराशा और उम्मीदों को हम परे रख देते हैं. साल के बचे दिन अपने तन और मन के सुकून के नाम करते हैं.
सोमवार माइंडफुलनेस ब्रेक
●क्या करें बस पांच मिनट के लिए, चुपचाप बैठ जाएं, आंखें बंद करें और धीमी गहरी सांसें लें. हर सांस के साथ शांत करनेवाले विचारों को भीतर ले जाएं और तनाव बाहर छोड़ें. अच्छा लगे तो दिनभर में कभी भी अपनी सुविधानुसार दोहरा सकते हैं.
●क्या होगा : बेचैनी कम होगी और आप वर्तमान पलों का बेहतर आनंद उठा सकेंगे.
मंगलवार शुक्रिया कहिए
●क्या करें आज तीन ऐसी चीजें लिखिए, जिनके लिए आप आभारी हैं. कुछ बड़ा ही हो, यह जरूरी नहीं. नया दिन, अच्छी धूप, बढ़िया सी चाय का लुत्फ, किसी से हुई अच्छी बातचीत या अपनों का साथ… बहुत कुछ ऐसा हो सकता है, जिसके लिए आप शुक्रिया कहना चाहें. संभव हो तो दूसरों को उनके लिए कुछ अच्छा सा लिखकर भेजें.
●क्या होगा : तनाव से आपका ध्यान जीवन की खुशियों पर, खुशहाल रिश्तों की ओर शिफ्ट होगा.
बुधवार सुकून भरे अपने पल
●क्या करें हर किसी के सुकून के पल अलग होते हैं. कई बार तमाम व्यस्तताओं के बीच कुछ भी न करते हुए अपने पसंदीदा कंबल को ओढ़े, बस यों ही सुस्ता लेना, बिना किसी दखलअंदाजी के कुछ अच्छा खाना ही सबसे सुकून भरा हो सकता है. अपने लिए आज कुछ ऐसा ही सुकून तैयार करें.
●क्या होगा: मस्तिष्क तक सुरक्षा का अहसास और आराम देनेवाले संकेत प्रेषित होंगे. जो छोटी बात नहीं.
गुरुवार संगीत सुनें
●क्या करें अगर संगीत पसंद हैं तो अपने पसंदीदा गानों की प्ले लिस्ट तैयार करें. और जब भी समय हो तो अपनी पसंद का संगीत सुनें. पढ़ना पसंद है तो मनपसंद किताबें भी पढ़ सकते हैं.
●क्या होगा: आपका मूड अच्छा होगा. दिमाग में नए न्यूरॉन्स बनेंगे और तनाव कम होगा.
शुक्रवार फोन मीडिया से दूरी
●क्या करें पूरे दिन संभव नहीं हो तो दिनभर में चार बार अपने फोन को 20- 20 मिनट के लिए अपने से दूर रखें. इस समय कुछ पढ़ें, अपनों से बात करें या फिर आसपास कहीं टहलने के लिए निकल जाएं.
●क्या होगा: डिजिटल उपकरणों से होनेवाली थकावट दूर होगी. वर्तमान पलों पर पकड़ बेहतर हो जाएगी.
शनिवार दूसरों के प्रति उदारता
●क्या करें कुछ भी ऐसा करें, जो दूसरों को खुशी दे. किसी की तारीफ करें, किसी को अच्छा खिलाएं- पिलाएं, किसी की मदद करें, किसी की दुख-तकलीफ को ध्यान से सुनें, ढांढस बंधाएं. दूसरों को माफ कर दें.
●क्या होगा: दूसरों के लिए कुछ करना मस्तिष्क के खुशी और मकसद से जुड़े हिस्से को सक्रिय करता है. मन में सकारात्मकता बढ़ती है. आपके संबंध बेहतर बनते हैं.
रविवार मिरर थेरेपी
●क्या करें कुछ देर दर्पण के सामने खड़े होकर खुद को प्रेरित करने वाली बातें कहें. आप अपने लिए जो सुनना चाहते हैं, जो हासिल करना चाहते हैं, जैसी अच्छी बातें खुद से कहें.
●क्या होगा अपने लिए सकारात्मक बातों को दोहराना, हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाता है. एक तरह से यह खुद को अपनी देखभाल के लिए दिया गया उपहार है.