
लड़ाकू विमान तेजस ने स्वदेशी डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (डीएफसीसी) से उड़ान भरने में सफलता हासिल की है. रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को तेजस ने स्वदेशी उपकरण के साथ उड़ान भरी है. स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान के निर्माण कार्यक्रम में ये एक नई उपलब्धि है.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार पहली उड़ान के दौरान डीएफसीसी के नतीजे संतोषजनक मिले हैं. स्वदेशी उपकरण के साथ विमान को नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर के सेवानिवृत्त विंग कमांडर सिद्धार्थ सिंह केएमजे ने उड़ाया. स्वदेशी तकनीक के साथ सफल उड़ान के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ये ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़ा कदम है. दूसरे देशों से तकनीक के आयात में गिरावट आएगी. स्वदेशी डीएफसीसी से तेजस आधुनिक होगा. विमान स्मार्ट मल्टी फंक्शन डिस्पले, आधुनिक स्कैन तकनीक, सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर जैसी कई तकनीकों से लैस हो गया है. इससे विपरित स्थिति में उड़ान आसान और सुरक्षित होगी. इसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट बेंगलुरु ने डिजाइन किया है.
48 हजार करोड़ का करार
रक्षा मंत्रालय ने फरवरी 2021 में 83 तेजस के निर्माण के लिए हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 48 हजार करोड़ रुपये का करार किया था. नवंबर में रक्षा मंत्रालय ने 97 और तेजस खरीदने की अनुमति दी थी. भारत विमान को आधुनिक बनाने के लिए समय के साथ सुधार कर रहा है.
वायुसेना के बेड़े में 40 तेजस लड़ाकू विमान शामिल हो चुके
तेजस स्वदेशी लड़ाकू विमान है जो अलग-अलग परिस्थितियों में दुश्मनों को कड़ी टक्कर दे सकता है. इसकी डिजाइन और क्षमता ऐसी है कि हवा के साथ समुद्र के भीतर पनडुब्बी को पहचान कर उसपर स्ट्राइक कर सकता है. भारतीय वायुसेना के बेड़े में 40 तेजस लड़ाकू विमान शामिल हो चुके हैं.